The Chopal

पौधों को नष्ट नहीं करेंगे कीड़े, सरसों और नीम की खली का करें इस्तेमाल

Mustard Cake Fertilizer Benefits : अगर ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खेती के फायदे और गुणों के बारे में बताया जाए तो किसान जरूर इसे अपनाएंगे। इसलिए आज हम प्राकृतिक खेती के एक खास फैक्टर के बारे में बात करेंगे और वो ही सरसो की खली। इसे खेतों में लगी फसलों के लिए प्राकृति खजाना भी कहा जाता है।

   Follow Us On   follow Us on
पौधों को नष्ट नहीं करेंगे कीड़े, सरसों और नीम की खली का करें इस्तेमाल

Organic Pest Control With Mustard Cake : भारत में तेजी से ऑर्गनिक खेती का चलन बढ़ता जा रहा है। सरकार भी प्राकृतिक खेती पर ज्यादा से ज्यादा जोर दे रही है। वहीं तमाम किसानों ने रासायनिक खादों से दूरी बनाना शुरू कर दी है। हालांकि कुछ किसान प्राकृतिक खेती की तरह मुड़ना तो चाहते हैं लेकिन उन्हें इसके बारे में कम ही जानकारी है।

कई किसान रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करने में संकोच करते हैं, क्योंकि वे पर्यावरण और फसल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. हालांकि, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सरसों की खली जैसे जैविक उपायों का उपयोग करके आप पौधों को कीड़ों से बचा सकते हैं और उनकी पोषक गुणवत्ता भी बनाए रख सकते हैं.

सरसों की खली: प्राकृतिक खाद और कीटनाशक

कृषि विज्ञान केंद्र, कोडरमा के वरीय कृषि वैज्ञानिक, डॉ. ए.के. राय ने बताया कि सरसों की खली एक बेहतरीन जैविक खाद है जो पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाने में मदद करती है. सरसों की पिसाई के बाद बचे खली को खाद और कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

सरसों की खली में मौजूद पोषक तत्व

सरसों की खली में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं. इसके उपयोग से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और मिट्टी की संरचना में सुधार आता है. यह खली पानी और पोषक तत्वों को पकड़ने की मिट्टी की क्षमता को भी बढ़ाती है, जिससे पौधों को लगातार पोषण मिलता है. इसके अतिरिक्त, यह खली खरपतवारों को भी दूर रखने में सहायक होती है. अगर आपके गमलों या बगीचे में खरपतवार उग रहे हैं, तो सरसों की खली का उपयोग उन्हें नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है.

लिक्विड और केक के रूप में उपयोग

सरसों की खली को दो रूपों में इस्तेमाल किया जा सकता है—लिक्विड और केक के रूप में. लिक्विड के रूप में उपयोग करने के लिए 100 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में 2 से 3 दिनों तक भिगोकर रखा जाता है. इसके बाद इसे 5 लीटर पानी में मिलाकर पौधों की जड़ों में डाला जा सकता है. यह पौधों की जड़ों को पोषक तत्व प्रदान करता है और उन्हें कीड़ों से बचाता है.

वहीं, खाद के रूप में सरसों की खली को 20-25 ग्राम मात्रा में मिट्टी में मिलाकर गमलों में बिछाया जा सकता है. इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और पौधे अधिक स्वस्थ रहते हैं. इस प्रक्रिया से मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु सक्रिय होते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं.

नीम की खली का उपयोग

नीम की खली भी एक प्रभावी जैविक कीटनाशक है. 50 ग्राम नीम की खली को 1 लीटर पानी में मिलाकर इसे पौधों पर छिड़काव करने से कीटों से बचाव किया जा सकता है. यह पौधों पर कीटनाशक दवाओं के बजाय एक प्राकृतिक कवच का काम करती है और फसलों को बिना किसी हानिकारक प्रभाव के सुरक्षित रखती है.

नीम की खली का इस्तेमाल बड़े गमलों में 100 ग्राम और छोटे गमलों में 50 ग्राम प्रति पौधा किया जा सकता है. इसके बाद हल्का पानी डालना चाहिए, जिससे खली की सभी आवश्यक तत्व पौधों की जड़ों तक पहुँच सकें. नीम की खली न केवल कीटनाशक के रूप में काम करती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी बढ़ाती है.

जैविक खेती के लिए आदर्श विकल्प

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सरसों और नीम की खली जैविक खेती के लिए एक आदर्श विकल्प हैं. यह न केवल पौधों को कीड़ों से बचाती है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी सुधारती है. सरसों की खली के नियमित उपयोग से फसलों में किसी भी प्रकार की फफूंद या कीट नहीं लगते और फसलें स्वस्थ रहती हैं.

निष्कर्ष

सरसों और नीम की खली जैसी जैविक खादों का उपयोग पौधों की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने और कीड़ों से बचाने के लिए एक प्रभावी तरीका है. यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन को भी बढ़ाता है. इस जैविक उपाय को अपनाकर आप अपनी फसलों को स्वस्थ और रसायन मुक्त रख सकते हैं.