प्याज की कीमतों में आई भारी गिरावट, किसान परेशान, आम जनता को मिली राहत

The Chopal : दीपावली के बाद से सीकर और राजस्थान की अन्य मंडियों में अलवर का प्याज आने लगा है। प्याज का थोक भाव दो दिन में पांच से आठ रुपए प्रति किलो गिर गया है। मानसून सीजन के बाद से प्याज की कीमतों में गिरावट आई है। दीपावली के बाद से सीकर और राजस्थान की अन्य मंडियों में अलवर का प्याज आने लगा है। इसके परिणामस्वरूप प्याज का थोक मूल्य, जो सिर्फ दो दिन में अर्धशतक का हो गया था, पांच से आठ रुपए प्रति किलो गिर गया है।
प्याज की बड़ी फसल होने की उम्मीद
व्यापारियों और किसानों का कहना है कि इस बार गर्मी के सीजन की शुरूआत से अच्छे भाव मिलने से किसान प्याज की खेती की ओर बढ़ गए हैं। इससे अब सर्दी के सीजन में प्याज की बड़ी फसल होने की उम्मीद है। जिससे आगामी दिनों में खुदरा और थोक प्याज की कीमतें कम होने की उम्मीद है। हर साल सीकर जिले में 20,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती होती है। इसका औसत उत्पादन 70 लाख क्विंटल है।
क्षेत्र आठ से दस हजार तक बढ़ेगा
इस बार जिले में प्याज की बुवाई से आठ से दस हजार हेक्टेयर का उत्पादन होने की उम्मीद है, क्योंकि शुरूआत से अच्छे भाव मिल रहे हैं। इस बार इन सीकर, नागौर और चूरू जिलों में प्याज का रकबा 35 हजार हेक्टेयर को पार कर जाएगा क्योंकि सीजन में प्याज की अच्छी मांग है। इस बार क्षेत्र में प्याज की बुवाई अधिक होने की उम्मीद है। व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमत इस बार कम नहीं होगी। जिससे बाजार खुलेगा और किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। यदि सब कुछ ठीक रहा और मौसम ने मदद की, तो नए साल में आने वाला प्याज किसानों को खुशी और धन देगा।
जिले में 50 से अधिक गांव प्याज का उत्पादन करते हैं
जिला मुख्यालय के आस-पास 50 से अधिक गांव और ढाणियां हैं जो प्याज उत्पादन से सीधे संबंधित हैं. इन गांवों और ढाणियों की आजीविका सिर्फ प्याज पर निर्भर है। इन क्षेत्रों, जिन्हें मीठे प्याज के बेल्ट कहा जाता है, में लगभग पाँच सौ हजार किसान सीधे प्याज उत्पादन से जुड़े हुए हैं। प्याज उत्पादक किसानों को इस बार कुछ मुनाफा भी मिला है। इसके बाद से अब तक, किसानों को निरंतर मौसम का लाभ मिला है। वहीं जिले में मिनी स्प्रिंकलर से प्याज की सिंचाई होने से बुवाई क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है।
दो दिनों में प्याज की कीमत में कुछ गिरावट आई व्यवसायी
देवीलाल चौधरी, एक प्याज व्यापारी, ने बताया कि सीकर मंडी में पिछले दो दिनों में प्याज का थोक भाव पांच से आठ रुपए प्रति किलो गिर गया है। हालाँकि प्याज का भाव अभी भी अधिक है, आगामी दिनों में भाव कम हो जाएगा। इस बार किसानों को लागत मूल्य के साथ लाभ मिला है। इसलिए नए लोग प्याज उत्पादन में शामिल हो रहे हैं।