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आलू, प्याज और हरी सब्जियां होगी सस्ती, सरकार ने शुरू की क्लस्टर सप्लाई चेन योजना

Green Vegetables Price : देश हरी सब्जी से लेकर प्याज,टमाटर, आलू के अलावा चावल आटा सब कुछ महंगा हो गया है। इस महंगाई के दौर में आम जनता के लिए घर चलाना बड़ा मुश्किल हो गया है। केंद्र सरकार की तरफ से आसमान छूती महंगाई से आम जनता को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। 

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आलू, प्याज और हरी सब्जियां होगी सस्ती, सरकार ने शुरू की क्लस्टर सप्लाई चेन योजना

Cluster Supply Chain Scheme : देश में महंगाई का यह आलम है कि आम जनता की रसोई में हर दिन प्रयोग होने सब्जियां से लेकर आटा, दाल, चावल सब कुछ महंगा हो गया है। रसोई का बजट बिगड़ने के साथ-साथ लोगों की जेब का बजट भी बिगड़ चुका है। देश के नगरों और महानगरों के लोगों को बढ़ती महंगाई से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी पहल की गई है। आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से क्लस्टर सप्लाई चैन योजना शुरू की गई है।

महंगाई को नियंत्रित करने को लेकर बड़ा कदम 

केंद्र सरकार ने देश भर में आलू, प्याज़, टमाटर और हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। यह क्लस्टर सप्लाई चेन योजना है, जो 10 से 12 सब्जियों की खेती घनी आबादी वाले क्षेत्रों में करेगी, ताकि उपभोक्ताओं को सीधे पहुँचाया जा सके। महंगाई को नियंत्रित करने में इससे मदद मिलेगी क्योंकि बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी। क्लस्टर सप्लाई चेन योजना सरकार ने शुरू की है, जिसके तहत 10 से 12 सब्जियों की खेती घनी आबादी के आसपास कर इन्हें उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा।

 ग्राहकों को सीधे ताजी सब्जियां मिले 

जब किसानों और उपभोक्ताओं के मध्य बिचौलियों की लड़ाई खत्म होगी, तो महंगाई कम हो जाएगी। योजना का लक्ष्य ग्राहकों को सीधे ताजी सब्जियां पहुचाने के अलावा लंबी सप्लाई चेन से छुटकारा पाना है।  केंद्र सरकार ने बागवानी क्लस्टर और वैल्यू चेन विकास की इस योजना में बड़े क्लस्टर बनाने और खेती और वितरण के लिए सप्लाई चेन बनाने पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना को लेकर इस महीने की शुरुआत में  पहली बैठक आयोजित की गई थी। इस योजना को 2024-25 से लागू किया जाएगा और 2028 तक पूरी तरह से कार्यान्वित किया जाएगा।

खेती और भंडारण दोनों सुविधा किसानों को मिलेगी 

योजना का प्रारंभिक चरण दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और बंगलूरू में शुरू होगा। इसके लिए 50 किलोमीटर के क्षेत्र में ढाई से तीन हजार किसानों को शामिल करके क्लस्टर बनाने की योजना है। इसमें खेती और भंडारण दोनों होंगे, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ती सब्जियाँ मिल सकें।

किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी 

सरकार इस योजना को पांच वर्षों में व्यापक रूप से लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें बड़ा निवेश भी होगा। सार्वजनिक और निजी सामुदायिक भागीदारी (PPP) तंत्र इन क्लस्टरों को बनाएंगे। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता भी देगी। यह सब्सिडी पॉलीहाउस, नेट हाउस और हाइड्रोनिक्स बुनियादी ढांचे बनाने के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, फसल कटाई के बाद के कार्यों के लिए कार्यान्वयन एजेंसी को ऋण से जुड़ी सब्सिडी भी दी जाएगी।