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गेहूं की फसल में यूरिया के साथ डाल दे ये चीज, होगा बंपर उत्पादन

Wheat Farming Tips : जनवरी के महीने में तापमान में गिरावट आती है। कोहरे के साथ-साथ ठिठुरन भी बढ़ जाती है। इन दिनों किसान सिंचाई के बाद अगर जैविक उत्पाद ब्लूम विस्टा का इस्तेमाल करें तो गेहूं के पौधों में अनगिनत कल्ले निकलेंगे। खास बात यह है कि पौधों की ग्रोथ तेजी के साथ होगी।

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गेहूं की फसल में यूरिया के साथ डाल दे ये चीज, होगा बंपर उत्पादन

Wheat Farming Tips : जनवरी का महीना गेहूं की फसल के लिए बेहद ही उपयुक्त माना जाता है। इन दिनों किसान गेहूं की फसल में पहली सिंचाई करते हैं। यह अवस्था गेहूं के पौधों में कल्ले करने के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है। इस समय अगर किसान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो गेहूं की फसल में अनगिनत कल्ले निकलेंगे और पूरा खेत हरा-भरा हो जाएगा।

किसी भी फसल के सिंचाई आवश्यक होती है। ठीक ऐसे ही गेहूं की फसल में सिंचाई का अहम रोल रहता है। ध्यान रखें कि किसान गेहूं की फसल में 21 से 25 दिनों तक पहली सिंचाई कर दें। ऐसा करने से गेहूं के पौधों में कल्ले तेजी के साथ निकलेंगे। सिंचाई इतनी ही करें कि खेत में पानी जमा न हो। अगर सिंचाई ज्यादा हो भी जाए तो तत्काल जल निकासी का प्रबंध करें।

किसी भी पौधे की बढ़वार के लिए पोषक तत्वों की अहम भूमिका होती है। सिंचाई के 5 से 6 दिन बाद जब खेत में नमी हो और पैर टिकने लगे तो नाइट्रोजन यानी यूरिया का छिड़काव कर दें। 1 एकड़ गेहूं की फसल में 40 से 50 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। यूरिया में पाई जाने वाली नाइट्रोजन पौधों को हरा- भरा करती है और तेजी के साथ कल्ले निकलने लगते हैं।

यूरिया के साथ-साथ किसान ऑर्गेनिक खाद ब्लूम विस्टा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। किसान एक एकड़ फसल के लिए 250 ml ब्लूम विस्टा को यूरिया में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। ब्लूम विस्टा में कई अहम पोषक तत्व पाए जाते हैं। ब्लूम विस्टा का इस्तेमाल करने से मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्व भी सक्रिय हो जाते हैं। पौधे तेजी के साथ बढ़वार करते हैं। कल्लों की संख्या भी तेजी से बढ़ती है। 5 दिनों में गजब का रिजल्ट देखने को मिलेगा।

एक्सपर्ट का कहना है कि गेहूं की फसल में अगर किसान नाइट्रोजन के साथ ब्लूम विस्टा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो समय का भी ध्यान रखें। बेहतर परिणाम पाने के लिए किसान शाम के समय नाइट्रोजन और ब्लूम विस्टा का छिड़काव करें। ऐसा करने से पौधे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेंगे।