Sarso: सरसों बुवाई का समय आया नजदीक, किसान किस्म की टेंशन छोड़ पहले करें ये काम

How To Prepare A Mustard Field : बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रबी की फसलों में सरसों का महत्वपूर्ण स्थान है। इन दिनों सरसों की बुवाई का सीजन करीब आ रहा है और किसान भाइयों को इस समय सही खेत को तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही समय पर खेत को पक्का तैयार किया जाए, तो बुवाई में किसी वैरायटी की चिंता करने की जरूरत नहीं होती। सही तैयारी और समय पर ध्यान देकर किसान अपनी सरसों की फसल से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
किस तरह करें खेत को तैयार
इस समय सरसों के भाव किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। जिस वजह से इस बार सरसों के रकबे में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए सरसों की फसल से अत्यधिक पैदावार लेने के लिए एक्सपर्ट के मुताबिक खेत की गहरी जुताई बहुत आवश्यक है। इससे मिट्टी का ढांचा ठीक होता है और पानी की धारण क्षमता बढ़ती है। जुताई करते समय खेत की मिट्टी को 15 से 20 सेंटीमीटर की गहराई तक पलटने से पोषक तत्व सतह पर आ जाते हैं। सरसों की खेती करने वाली जमीन से जल निकासी का सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। क्योंकि खेत में ज्यादा पानी खड़ा होने के कारण सरसों की जड़े गलने लगती है। जिससे फसल को काफी नुकसान होता है। इसलिए ड्रेन सिस्टम का इंतजाम कर ले।
खाद्य संरक्षण कब और कैसे करें
बुवाई से पहले खेत में जो भी खरपतवार उगी हो, उसे जुताई के साथ-साथ निकाल देना चाहिए। इस प्रक्रिया के लिए रोटावेटर का भी प्रयोग कर सकते हैं, जिससे मिट्टी नरम हो जाती है और खरपतवार हट जाते हैं। सरसों की फसल के लिए जैविक और रासायनिक दोनों तरह की खादों का उपयोग कर सकते हैं। खेत की तैयारी के समय 15-20 क्विंटल प्रति एकड़ गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसके साथ ही नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटा युक्त उर्वरक का सही अनुपात में प्रयोग करना फसल की अच्छी पैदावार के लिए लाभकारी होगा। बुवाई से पहले खेत में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो। यह बुवाई के दौरान सरसों के बीजों को तेजी से अंकुरित होने में मदद करती है।
बीज का सही चयन करने का सही तरीका
बाजार में सरसों की कई वैरायटी उपलब्ध हैं, लेकिन आपकी फसल की उपज खेत की तैयारी पर ज्यादा निर्भर करती है। फिर भी विशेषज्ञों की सलाह है कि अपनी क्षेत्रीय जलवायु के अनुसार ही बीज का चयन करें। इसके अलावा अपने इलाके के रजिस्टर्ड बीज विक्रेता से ही बीज खरीदें। जैसे कि पीबीएन 181, एमसीएन 120 आदि उच्च गुणवत्ता वाली किस्में फायदेमंद हो सकती हैं। बुवाई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम या थायरम से उपचारित करें ताकि बीज फफूंद और कीटों से सुरक्षित रहें। सरसों के बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए। इससे बीजों को नमी मिलती है और अंकुरण तेजी से होता है।
पानी कब दे और कैसे देखभाल करें
पहली सिंचाई बुवाई के 25-30 दिन बाद करें. इसके बाद फसल की नमी जरूरत के मुताबिक समय-समय पर पानी देते रहें। फसल के दौरान किसी भी रोग या कीट के लक्षण नजर आने पर कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें और उचित जैविक या रासायनिक उपचार करें।