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Sarso: कहां तक पहुंचेगा सरसों का उच्चतम भाव, बाजार में बना तेजी का रुख

घरेलू बाजार में मांग बढ़ने के कारण सरसों के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. परंतु जिन किसानों के पास सरसों स्टॉक पड़ा हुआ है. उनके मन में यह असमंजस की स्थिति है कि सरसों के भाव टॉप कहां तक जाएंगे. इसीलिए हम यह रिपोर्ट लेकर हाजिर हुए हैं.
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Sarso: कहां तक पहुंचेगा सरसों का उच्चतम भाव, बाजार में बना तेजी का रुख

Sarso Bhav: सरसों के भाव में रोजाना बदलाव की स्थिति बन रही है. कई मंडियो में इन दिनों सरसों के भाव लगभग ₹7000 प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके हैं. जयपुर मंडी में कंडीशन 42% सरसों का भाव 6950 रुपए तक पहुंच चुका है. इसी घटनाक्रम को देखते हुए अंदाजा लग रहा है कि जल्द ही यह भाव 7000 रुपए के स्तर को पार कर सकता है. हालांकि यह तेजी सभी मंडियो में नहीं बल्कि कई मंडियो में सरसों 6500 रुपए के आसपास बिक रही है. दरअसल सरसों में लगातार तेजी बनी हुई है और अनुमान यह भी लगाया जा रहा है की कीमतों में और भी उछाल आ सकता है. परंतु अब सवाल यह उठना लाजमी है की तेजी का सिलसिला कहां तक पहुंचेगा. आपको यह भी जानकार थोड़ी हैरानी होगी कि विदेशी बाजारों में सरसों की कीमतों में तेजी नहीं है.

पिछले कुछ सप्ताहों से सरसों में चल रही उठा पटक से सरसों के भाव में लगभग 1700 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल आ चुका है. इस सिलसिले के दौरान किसानों के मन में यह असमंजस पैदा हो रहा है कि सरसों का उच्चतम भाव कहां तक टिकने वाला है. हालांकि अब भी कुछ किसानों के पास सरसों का स्टॉक बचा हुआ है. इसी को लेकर किसानों की बेचैनी बढ़ रही है उनके मन में यह सवाल है कि सरसों को बेचना चाहिए या अभी रुकने की जरूरत है. इसी को देखते हुए हमने यह लेख आपके लिए लिखा है. आपको इस बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे,

सरसों के भाव में बंपर तेजी

जैसा कि हमने आपको इस लेख के शुरुआत में स्पष्ट किया था. कि शुक्रवार और शनिवार को सरसों के भाव में बंपर तेजी देखने को मिली. राजधानी जयपुर मंडी में सुबह सरसों के भाव आने के दौरान 100 रुपए का उछाल रहा. परंतु दोपहर तक यह तेजी घटकर 50 रुपए रह गई. फिर शाम को 50 की तेजी बनी और भाव 7000 के करीब पहुंच गए.

इतना ही नहीं बल्कि ग्वालियर मंडी में सरसों के भाव में 200 रुपए का उछाल आया. यह तेजी सुबह से शुरू हुई और शाम तक देखने को मिली और अंत में कीमतें 6200 रुपए रही. इसी प्रकार खैरथल मंडी में भी सरसों तेजी के साथ 6600 रही. सरसों खरीद के इन प्रमुख केंद्रो पर तेजी का असर आसपास की विभिन्न मंडियो में देखने को मिलता है.

प्रमुख खरीद केंद्रों के अलावा शनिवार को सरसों के प्लांटों में भी खरीद कीमतों में जबरदस्त उछाल रहा. यहां सरसों 200 रुपए तेज होकर पिछले दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. हर प्लांट की कीमतों पर यदि नजर डालें तो कोटा में सरसों 7550 रुपए, अदानी बूंदी में 7050 रुपए, अदानी अलवर में 7050 रुपए, शारदा में 7150 सरसों के भाव रहे.

विदेशी बाजारों की में सरसों की स्थिति

किसान भाइयों घरेलू बाजार में सरसों के कीमत तेज होने का कारण तेल मिलों की लगातार मांग और खरीद के चलते बना हुआ माना जा रहा है. व्यापारियों के मुताबिक, पिछले सप्ताह के दौरान खाद्य तेलों के भाव में विदेशी बाजारों में गिरावट का सिलसिला रहा. मलेशिया में पाम आयल का स्टॉक ज्यादा होने के कारण विश्व बाजार की कीमतों में तेजी आने की आशंका कम है. हालांकि घरेलू बाजार में सरसों के भाव में बीते सप्ताह तेजी का रुख बना रहा.

इसी दौरान सरसों खल की कीमतों में भी मामूली तेजी देखने को मिली. ज्यादा उत्पादन वाले राज्यों में सरसों की दैनिक आवक स्थिर हो रही है. व्यापारियों व्यापारियों का यह मानना है कि किसानों के पास गेहूं का स्टॉक घटने लगा है. बढ़ते दामों के चलते अन्य स्टॉकिस्ट कम कीमतों पर सरसों बेचना नहीं चाहते. त्योहारों के चलते घरेलू बाजार में सरसों की डिमांड बनी रहेगी. परंतु आने वाली तेजी या मंदी आयात किए जाने वाले खाद्य तेलों की कीमतों पर निर्भर करेगी.

सरसों तेल के भाव बढ़े

जयपुर मंडी में शनिवार को सरसों कच्ची घानी ऑयल और एक्सपेलर के भाव में बड़ी तेजी देखने को मिली. कच्ची घानी तेल में शनिवार को 47 रुपए का इजाफा होने के बाद 10 लीटर की कीमतें 1422 पहुंच गई. साथ ही सरसों खल के भाव में भी 30 रुपए का इजाफा हुआ और इसकी कीमत 2750 रुपए प्रति क्विंटल बोली गई. देशभर की मंडियो में सरसों की दैनिक आवक 2 लाख बोरियों के आसपास रह रही है. इसमें पंजाब और हरियाणा की मंडियो में 15000 बोरी आवक, उत्तर प्रदेश में 36000 बोरी, मध्य प्रदेश में 22000 बोरी, और राजस्थान में दैनिक आवक 100000 बोरी के आसपास घूम रही है.

क्या रहेगा भाव

घरेलू बाजार में मांग बढ़ने के कारण सरसों के भाव जरूर बढ़ रहे रहें हैं. आना यह भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी थोड़ी बहुत तेजी आ सकती है परंतु इससे पहले बाजार में स्थिरता भी बन सकती है. किसान भाइयों को रोजाना सरसों की तेजी और मंदी पर विश्लेषण करते रहना चाहिए. आयात शुल्क बढ़ाने के बाद बाजार को एडजस्ट होने में समय लगता है. श्रद्धा के महीने में तेल की डिमांड थोड़ी कम रहती है. सरकार की फैसले के बाद बाजार को सही दिशा पकड़ने में वक्त लग सकता है. इसलिए जल्दबाजी में किसी भी प्रकार का कम नहीं उठाना चाहिए. परंतु अगर आवक और घटती है तो जयपुर मंडी में सरसों के भाव 7000 रुपए पहुंचने की संभावना बनी हुई है. फिलहाल बाजार में सरसों की कीमतें अच्छी चल रही है. जो इस सीजन के टॉप पर है. इसी को देखते हुए व्यापार आपको अपने विवेक से करना चाहिए.