खेतों में नहीं रुकेंगे आवारा पशु, अपना लें ये भगाने के खास तरीके
Nilgai Save Crops : किसानों के लिए नीलगाय एक बड़ी समस्या हैं। ये गेहूं, अरहर, चना और मटर जैसी नरम पत्तियों वाली जितनी भी फसले हैं उनको चट कर जाती हैं। कभी-कभी तो इससे किसान की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और उनके हजारों रुपये और मेहनत डूब जाती है।

5 Methods Nilgai Save Crops : किसानों के लिए नीलगाय एक बड़ी समस्या हैं। ये गेहूं, अरहर, चना और मटर जैसी नरम पत्तियों वाली जितनी भी फसले हैं उनको चट कर जाती हैं। कभी-कभी तो इससे किसान की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और उनके हजारों रुपये और मेहनत डूब जाती है। नीलगाय मृग प्रजाति के जीव होती हैं, जिनका वजन 150 से 200 किलो तक हो सकता है। ये हमेशा झुंड में रहती हैं और अक्सर फसलों पर एक साथ हमला करती हैं।
बाड़ बनाकर बचाव
बस्ती के कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा बताते हैं कि नीलगाय से फसलों को बचाने के लिए बाड़ बनाना बेहतरीन तरीका है। इसके लिए खेतों के मेढ़ों के किनारे लकड़ी के खूंटे लगाकर तार या लकड़ी की बाड़ बनाई जा सकती है। इस तरीके से न केवल नीलगाय, बल्कि अन्य जंगली जानवरों से भी फसल को सुरक्षा मिलेगी।
झटका करंट
एक और उपाय है झटका करंट विधि का उपयोग करना। इसके लिए पूरे खेत की घेराबंदी तार से की जाती है और उसे 12 वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाता है। जैसे ही नीलगाय तार को छूती हैं, उन्हें करंट का झटका लगता है, जिससे वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचाती। इस विधि में बैटरी को चार्ज करने के लिए सोलर प्लेट भी लगाई जा सकती है या घर पर बैटरी लाकर आसानी से चार्ज कर सकते हैं।
देसी गाय का मूत्र
रतन शंकर ओझा बताते हैं कि यदि गेहूं की फसल को नीलगाय नुकसान पहुंचा रही हैं, तो उन्हें भगाने के लिए देसी गाय के मूत्र का उपयोग किया जा सकता है। यह आसानी से किसी भी किसान के यहां मिल जाएगा। एक लीटर गाय के मूत्र को 100 लीटर पानी में मिलाकर खेतों के चारों ओर छिड़काव करने से नीलगाय फसल तक नहीं जाएंगी।
मल का उपयोग
अगर गाय का मूत्र नहीं मिल पाता, तो नीलगाय के ही मल का इस्तेमाल किया जा सकता है। नीलगाय अपने मल और मूत्र को एक जगह पर छोड़ती है। इस मल को पानी में मिलाकर एक घोल तैयार किया जाता है, जिसे छानकर खेत के आसपास छिड़कने से नीलगाय खेत में नहीं आएंगी।
फिनायल का छिड़काव
एक और अच्छा उपाय है फिनायल का छिड़काव करना। बाजार में उपलब्ध फिनायल को पानी में मिलाकर खेत के चारों ओर छिड़कने पर उसकी तेज दुर्गंध के कारण नीलगाय और अन्य जंगली जानवर खेत में नहीं आते।