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तेज सर्दी से सरसों फसल को सुरक्षित रखने के लिए करें ये उपाय, नुकसान की नहीं रहेगी गुंजाइश

Protect Mustard In Winter : इस समय ठंड का मौसम चल रहा है। इस शीतलहर और सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है। इसमें रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं के अलावा तिलहन जैसे सरसों की फसलों को 80 से 90 फीसदी तक नुकसान हो सकता है।

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तेज सर्दी से सरसों फसल को सुरक्षित रखने के लिए करें ये उपाय, नुकसान की नहीं रहेगी गुंजाइश

Agriculture News : देश के कई हिस्सों में ठंड का सितम बढ़ते जा रहा है। वहीं देश किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए काफी मेहनत करते हैं। इसके लिए वह सिंचाई के साथ-साथ फसलों में समय पर खाद भी देते हैं। लेकिन किसानों को बहुत बार कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इसमें फसलों में कीट लगने के साथ ही दिसंबर से फरवरी महीने तक ठंड के प्रकोप से फसलों पर पाले का भी खतरा रहता है। दरअसल सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन पाला को माना जाता है।

वहीं अब धीरे-धीरे देश में शीतलहर को दौर जारी हो गया है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड तेजी से बढ़ने लगी है। जो सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं, जिससे आप अपनी सरसों की फसल को पाला से सुरक्षित रख सकते हैं।

फसलों पर पाले के प्रभाव

  • ठंड के दिनों में पाले के प्रभाव से फल मरने लगते हैं और फूल झड़ने लगते हैं।
  • प्रभावित फसल का हरा रंग समाप्त हो जाता है और पत्तियों का रंग मिट्टी के रंग जैसा दिखता है।
  • ऐसे में पौधों के पत्ते सड़ने से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है।
  • सरसों की पत्ती, फूल और फल सूख जाते हैं। फल के ऊपर धब्बे पड़ जाते हैं और स्वाद भी खराब हो जाता है।
  • पाले से प्रभावित सरसों में कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है।
  • पाले के कारण अधिकतर पौधों के फूलों के गिरने से पैदावार में कमी हो जाती है। 

मल्चिंग विधि अपना कर 

ठंड के मौसम में कोहरे का प्रकोप अक्सर हमारी फसल पर पड़ता है। ऐसे में सर्दियों में सरसों की फसल खराब होने का डर ज्यादा रहता है। इसलिए फसलों को सुरक्षित करने के लिए कुछ विधियां अपनाई जा सकती हैं। हम फसल को सुरक्षित रखने के लिए मल्चिंग विधि अपना सकते हैं। इस विधि में प्लास्टिक शीट से पौधे की जड़ और पौधे को ढका जा सकता है, जिससे सर्दी का असर नहीं होगा।

इसके अलावा, जैविक कचरे से भी फसलों को ढककर उन्हें सर्दियों से बचाया जा सकता है। ग्रीन नेट का उपयोग भी फसल सुरक्षा के लिए किया जा सकता है। साथ ही, बाढ़बंधे (यानी बांस की फट्टियां) को फसलों के ऊपर लगाकर उनके ऊपर जूट के बोरे का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे फसल को सर्दियों, कोहरे और पाले के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

एक्सपर्ट क्या बताते है 

एक्सपर्ट बताया कि इन विधियों को अपनाकर फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन उपायों से सर्दियों का खतरा फसलों पर नहीं पड़ेगा और किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि विभाग की ओर से किसानों को फसल सुरक्षा के उपाय समझाए जाते रहते हैं। अत्यधिक ठंड से जिन फसलों को नुकसान है उन्हें इन विधियों द्वारा सुरक्षित रखा जा सकता है।