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किसान इस खेती में लागत से कई गुना ज्यादा पैसा कमा रहा, 22 दिन में होती है फसल पककर तैयार

Methi Farming : देश में किसान अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं। पारंपरिक फसलों के साथ-साथ वे कम समय में बढ़िया मुनाफा देने वाली फसलों की भी खेती करने लगे हैं। इस दौरान किसानों ने सीजनल सब्जियों की खेती की तरफ तेजी से रुख किया है। मेथी भी कुछ इसी तरह की फसल है, जो बेहद कम वक्त में किसान को ठीक-ठाक मुनाफा दे जाती है।

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किसान इस खेती में लागत से कई गुना ज्यादा पैसा कमा रहा, 22 दिन में होती है फसल पककर तैयार

Profitable Methi Cultivation : भारतीय किसानों ने खेती के तौर-तरीकों में काफी बदलाव किया है। अब टिकाऊ खेती के लिये पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। ज्यादातर किसान अपने खेतों में अनाजी फसलों के साथ-साथ कई सीजनल सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिससे कम समय में काफी अच्छा मुनाफा मिल जाता है। ऐसी ही सब्जियों में शामिल है मेथी जिसके बीजों यानी दानों से लेकर पत्तियों और साग तक बाजार में हर चीज हाथों हाथ बिक जाती है। यह सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, किसानों के लिए भी उतनी ही मुनाफे का सौदा भी साबित हो सकता है।

इसी तरह महाराष्ट्र के सोलापुर के किसान धानाजी बचाटे पिछले 7 सालों से मेथी की खेती कर रहे हैं। मात्र 12 हज़ार रुपये की लागत में वे 1 एकड़ में 80 हज़ार से 3 लाख रुपये तक कमा रहे हैं।  धानाजी का कहना है कि कम लागत में अधिक मुनाफा पाने के लिए किसान मेथी या धनिया की खेती करें, तो चलिए धानाजी की सफलता का राज जानते हैं। 

किसान की मेथी की फसल 

मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दे की मोहोल तालुका के वर्कुटे गांव के रहने वाले धानाजी बचाटे ने इस मांग को देखते हुए मेथी की खेती शुरू की। 1 एकड़ में मेथी उगाने का खर्चा करीब 10 से 12 हज़ार रुपये आता है। लेकिन इससे उन्हें 80 हज़ार से 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है।

कम अवधि में पक कर तैयार  

मेथी एक कम समय में तैयार होने वाली फसल है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। मेथी की फसल लगाने के 22 दिन बाद कटाई शुरू हो जाती है। हर सीज़न के हिसाब से धानाजी उस वैरायटी के बीज लाकर खेती करते हैं।

हमेशा बनी रहती है मांग 

अगर मंडी में मेथी के दाम सही मिलते हैं, तो यह कम से कम 8 से 30 रुपये प्रति पेंडी बिकती है। फिलहाल मंडी में मेथी की कीमत 10 से 12 रुपये प्रति पेंडी है। 1 एकड़ से 9 से 10 हज़ार पेंडी मेथी का उत्पादन होता है।

किसानों को दी सलाह 

किसान ने बताया की धानाजी बचाटे ने किसानों को सलाह दी है कि अगर वे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने खेतों में मेथी या धनिया की खेती करनी चाहिए। धानाजी की यह प्रयोगधर्मी खेती दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है।

सिंचाई की प्रकिया

मेथी के पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। मेथी के बीजो के अंकुरण के लिए खेत में नमी की आवश्यकता होती है। इसलिए खेत में नमी बनाये रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए ।

कब करें कटाई?

मेथी की फसल को तैयार होने के लिए 130 से 140 दिन का समय लग जाता है। जब इसके पौधों पर पत्तियां पीले रंग की दिखाई देने लगें तो तब इनकी कटाई कर लेनी चाहिए। फसल की कटाई के बाद इसके पौधों को धूप में अच्छे से सूखा लेना चाहिए। सूखी हुई फसल से मशीन की सहायता से दानो को निकल लें। एक हेक्टेयर के खेत में तक़रीबन 12 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है।मेथी के दानों का बाज़ारी भाव 5 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल थोक के रूप में होता है। ऐसे में मेथी की फसल लगाकर किसान बढ़िया मुनाफा।