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गेहूं की ये किस्में देती है भरपूर उत्पादन, इन बातों का रखें ध्यान, मालामाल हो जाएंगे किसान

Wheat Farming : कृषि एक्सपर्ट डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि गेहूं की बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह बेस्ट होता है। गेहूं की कई ऐसी किस्में हैं, जो अच्छा उत्पादन देती हैं।अगर आप दोमट मिट्टी में गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं तो पूसा मालवी एचडी-4728 बेस्ट होगी लेकिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

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गेहूं की ये किस्में देती है भरपूर उत्पादन, इन बातों का रखें ध्यान, मालामाल हो जाएंगे किसान

Gehu Ki Kheti : गेहूं की पूसा मालवी एचडी 4728 किस्म के दाने मोटे और चमकदार होते हैं। यह किस्म 120 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। गेहूं की यह किस्म पत्ती और तना रतुआ रोगों के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। इस किस्म की औसत उपज क्षमता 54।2 क्विंटल और अधिकतम उपज क्षमता 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। यह किस्म सूजी आधारित उद्योग के लिए परफेक्ट है।

गेहूं की इस किस्म की बुवाई के समय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान सही रहता है। वैसे तो इस किस्म की गेहूं की खेती सभी प्रकार की भूमियों में की जाती है, लेकिन इसकी बेहतर पैदावार के लिए दोमट मिट्‌टी उपयुक्त रहती है। गेहूं की बुवाई के लिए नवंबर का महीना बेहद उपयुक्त माना जाता है।

गेहूं की बुवाई से पहले मिट्‌टी पलटने वाले एमबी प्लाऊ से खेत की गहरी जुताई करें। इसके बाद डिस्क हैरो या कल्टीवेटर से दो से तीन जुताई करके खेत की मिट्‌टी को भुरभुरा व समतल बना लेना चाहिए। खेत की पहली जुताई के समय 20 से 25 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए ताकि डिस्क हैरो से काटे गए धान का फसल अवशेष जल्द ही सड़कर खाद में बदल जाए। रोटावेटर की सहायता से एक जुताई में ही खेत पूरी तरह से तैयार हो जाता है। किसान सीड ड्रिल से गेहूं बुवाई कर सकते हैं।

इस किस्म की बुवाई करने के लिए 100 से 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का इस्तेमाल करें। वहीं छीटा विधि से गेहूं की बुवाई करने के लिए 125 से 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का इस्तेमाल करें। बीज के साथ-साथ उर्वरक की मात्रा का भी ध्यान रखें।

गेहूं की बुवाई करते समय बीज शोधन करना भी एक अहम प्रक्रिया है। बीज शोध करने से भूमि जनित और बीज जनित रोगों की रोकथाम की जा सकती है। पौधों को फंगस की चपेट से बचा जा सकता है। बीज शोधन के लिए किसान 2 से 2।5 ग्राम कैप्टान या थीरम अन्यथा 2।5 ग्राम बावस्टीन से प्रति किलो बीज को उपचारित करें।

गेहूं में बीज के साथ-साथ उर्वरक काफी अहम रोल होता है। गेहूं की बुवाई करते समय 100 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करें। रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कर लें। अगर मिट्टी की जांच नहीं कर पाते हैं तो 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 25 किलोग्राम फास्फोरस, 25 किलोग्राम पोटाश, 10 किलोग्राम जिंक और 10 किलोग्राम सल्फर का इस्तेमाल प्रति एकड़ के हिसाब से करना चाहिए।