गेहूं की फसल को ये कीट पहुंचा रहा नुकसान, चूस रहा दानों का रस, इस विधि से करें उपाय

Aphid Pest Management Tips : खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पकने को है। वर्तमान समय में गेहूं की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि अब गेहूं के बालियों में दाने बनने शुरू हो गए हैं। जिस दौरान गेहूं की फसल में बालियां आती है और उसमें दाने बनने शुरू होते हैं, उस दौरान अगर गेहूं की फसल का रख-रखाव सही तरीके से नहीं किया जाए तो गेहूं की फसल खराब हो सकती है। गेहूं की फसल पर कीट का खतरा मंडरा सकता है। उसमें कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है।
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गेहूं की फसल को ये कीट पहुंचा रहा नुकसान, चूस रहा दानों का रस, इस विधि से करें उपाय

Aphid Pest Management Tips : खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पकने को है। वर्तमान समय में गेहूं की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि अब गेहूं के बालियों में दाने बनने शुरू हो गए हैं। जिस दौरान गेहूं की फसल में बालियां आती है और उसमें दाने बनने शुरू होते हैं, उस दौरान अगर गेहूं की फसल का रख-रखाव सही तरीके से नहीं किया जाए तो गेहूं की फसल खराब हो सकती है। गेहूं की फसल पर कीट का खतरा मंडरा सकता है। उसमें कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है।

जिसके कारण दानों का वजन सही रूप से नहीं आएगा और गेहूं की पूरी फसल ही खराब हो जाएगी। इससे किसानों को काफी नुकसान भी हो सकता है और उनके उत्पादन पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपने भी गेहूं की फसल लगाई है तो इस दौरान आपको अपने गेहूं की फसल का रखरखाव काफी अच्छे तरीके से करना चाहिए।

पौधा संरक्षण विभाग के विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार बताते हैं कि वर्तमान समय में गेहूं की फसल पर माहू कीट का प्रकोप मंडरा रहा है। कई जगहों पर माहू कीट के चलते गेहूं की फसल खराब होने की कगार पर है। ऐसे में अगर आपको भी अपने पौधों में कुछ बदलाव दिखे, तब आपको समझ जाना चाहिए कि आपकी फसल को माहू कीट ने अपने कब्जे में ले लिया है।

उन्होंने बताया कि यह कीट फसल पर हमला करती है और पौधों का रस चूस लेती है। इससे दाने कमजोर हो जाते हैं और उनका सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है। यह कीट फसल की वृद्धि और फल बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरीके से बाधित कर देते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि जब भी उनके पौधों के ऊपर इस कीट का खतरा दिखे तब उन्हें हाल में इसका तुरंत उपचार कर लेना चाहिए।

पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार ने बताया कि आमतौर पर माहू कीट का प्रकोप फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में ही देखने को मिलता है और ठंड में इसका विस्तार ज्यादा होता है। लेकिन, मार्च में भी इसका प्रकोप देखने को मिल सकता है, क्योंकि यह समय गेहूं के फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

उन्होंने बताया कि पौधों की शाखों में और पत्तियों में रस भरा होता है। जिससे गेहूं के दाने बनते हैं और वह काफी पुष्ट होते हैं। लेकिन, अगर कीट उस रस को चूस जाएंगे, तो उसके दाने छोटे पड़ जाएंगे और उनमें वजन नहीं रहेगा।

उन्होंने बताया कि एक बार अगर यह कीट आपके फसल में लग गया, तो यह बड़ी संख्या में प्रजनन करता है। जिसके कारण धीरे-धीरे आस-पास के खेतों में भी इसका खतरा मंडराने लगता है।

उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए किसानों को चाहिए कि अपने खेतों में इमिडाक्लोपिड 17.8 फीसदी एसएल को 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर दवा मिलाकर छिड़काव करें। इससे इस कीट के प्रकोप से बचा जा सकता है।