सरसों की बुवाई में 10 किलो इस्तेमाल करें ये खाद, मिलेगा बम्पर तेल

Mustard Farming Tips : तिलहन की मुख्य फसल सरसों की बुवाई अक्टूबर महीने में होती है, लेकिन इस बार धान की फसल की कटाई देरी से हुई। साथ ही, अक्टूबर में मौसम ठंडा होना चाहिए था। ऐसे में किसान नवंबर में भी सरसों बो सकते हैं। ताकि सरसों की फसल से अधिक उत्पादन मिल सके और सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ाई जा सके, सरसों की बुवाई करते समय उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए।
पादप रोग विशेषज्ञ और कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में कार्यरत डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि किसी भी फसल से अधिक उत्पादन मिलने के लिए उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। सल्फर, खासकर तिलहन की फसलों में, अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। सल्फर की फसल में उपयोग करने से पौधे स्वस्थ और मजबूत होते हैं। पौधों में अधिक फलिया आती हैं और अधिक दाने बनते हैं। सरसों के दानों में अधिक तेल होता है। किसानों का उत्पादन अच्छा है।
सल्फर का इस्तेमाल
यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि किसान कब और कितनी मात्रा में सरसों की फसल में सल्फर का उपयोग करना चाहिए। डॉ. नूतन वर्मा ने कहा कि जो किसान अभी सरसों की फसल बो रहे हैं, वह एक एकड़ में 10 किलोग्राम दानेदार सल्फर (बेंटोनाइट सल्फर) का उपयोग करें।
30 से 35 दिन बाद करें, सल्फर का छिड़काव
जिन किसानों ने अक्टूबर में सरसों की फसल बोई थी और किसी भी कारण से सल्फर का उपयोग नहीं कर पाए हैं, वे पहली बार सिंचाई करते समय सल्फर स्प्रे भी कर सकते हैं। यानी कि एक एकड़ सरसों की फसल में एक किलो सल्फर पाउडर छिड़क सकते हैं जब फसल 30 से 35 दिन की हो जाए। ऐसा करने से सरसों के पौधे अपनी पत्तियों से सल्फर लेते हैं।