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Wheat Bhav: तूफ़ानी मौसम के बावजूद गेहूँ की बंपर आवक, भाव MSP से पार, पढ़ें फिर भी क्यों घाटे में किसान

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The Chopal, मंडी समाचार:  इन दिनों गेहूं पर व्यापारियों द्वारा बड़ा धन लगाया जा रहा है। कई वर्षों बाद इस साल नया गेहूं बड़े महंगे रेटों पर बिक रहा है। देश भर में गेहूँ पैदावार रिकॉर्ड मानी जाने के बाद भी स्टॉक वाले अपने गोदाम फुल करने में लग गए हैं। बीते वर्ष गेहूं को विदेश में भेज दिया गया तो देश में सालभर आम आदमी ने इसकी महंगाई की मार भी भुगती ।

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सरकार ने अधिक तेजी के समय तो कुछ राहत नहीं दी लेकिन आगामी सीजन के पूर्व सरकारी गोदाम के गेट खोलकर बाजार में सस्ते गेहूँ का बोल बाला कर दिया। पर इसका असर गेहूं उपज पैदा करने वाले किसानों को सीधे तौर पर झेलना पड़ा। देश की मंडी में नया गेहूं 300-400 रुपए क्विंटल तक सस्ता होकर बिकने लगा है। मात्र 100- 500 बोरी टॉप गेहूं 2500 से 2700 तक बिक भी जाए तो इसे तेजी वाले भाव तो हम नहीं कह सकते। मिल क्वालिटी लोकवन किस्म गेहूँ 2150 और मीडियम 2200 से 2300 रुपए तक जबकि मालवराज पोषक 1800 से 2000 रुपए तक बिक रहा। 

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अब मौसम बिगड़ा फिर भी 20 हजार बोरी तक गेहूं मंडी में बिका

मौसम बिगड़ने के बाद भी शनिवार को मंडी में सभी प्रकार का गेहूं 20 हजार बोरी बिकने को आया। मौसम साफ होने पर मंडी से शीघ्र 40 हजार तक बोरी आवक की संभावना बताई जा रही है। गेहूँ के रेटों मे जारी उठाव- पटक का लाभ आखिर किसे मिल रहा यह भी सोचनीय है। गल्ला कारोबार में तो खरीदार किसी भी भाव पर गेहूँ लेने लगे। किसानों को खुले बाजार में समर्थन दाम से अधिक भाव मिले तो सरकार को बेचने कम जाएंगे या अधिक इसका पता अप्रैल माह में भी चल जाएंगे। अभी भी 70 % उपज खेतों में कटने का इंतजार कर रही है। मौसम खराब होने से किसान घबराहट में कच्ची- पक्की उपज मशीनों से कटवा कर सीधे मंडी में बेचने को ला रहे हैं। मंदी के सौदागर तो 15 मार्च के बाद गेहूं के भाव में बड़ी गिरावट मानने लगे हैं। मंडी नीलाम में लोकवन टॉप 2654 रुपए तक बिका। वही पूर्णा 2760 रुपए तक बिका

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