Wheat: इन 2 प्रकार की मिट्टी में गेहूं की सिंचाई पर किसान भाई दे ध्यान, होगी अच्छी फसल
Farming Tips : रबी सीजन में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं की खेती करते हैं, लेकिन इसकी खेती में खास तौर पर सिंचाई का ख्याल रखना जरूरी है। इसके लिए आप 20 का पहाड़ा याद कर सकते हैं।

Wheat Irrigation : रबी सीजन में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं की खेती करते हैं, मगर इसकी खेती में खास तौर पर सिंचाई का ख्याल रखना जरूरी है। इसके लिए आप 20 का पहाड़ा याद कर सकते हैं, जो आपकी फसल के लिए बेहद फायदेमंद है और आपको उत्पादन भी अच्छा मिलता है।
गेहूं की खेती के लिए पानी की आवश्यता बेहद अधिक होती है। यह एक ऐसी फसल है जो राइस बिट कृषि सिस्टम पर चलती है। जहां धान की कटाई के बाद लोग गेहूं की बुआई करते हैं और इसकी खेती के लिए किसानों को सिंचाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। ताकि फसल उत्पादन में मुनाफा मिल सके।
20 का पहाड़ा आसान तरीका
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि गेहूं की खेती में सिंचाई के लिए किसान भाई 20 का पहाड़ा याद कर सकते हैं। अगर बलुई दोमट मिट्टी है तो उसमें 6 सिंचाई लगते हैं, जबकि काली मिट्टी में 3 से 4 सिंचाई की आवाश्यता होती है, क्योंकि काली मिट्टी में जल संरक्षण करने की क्षमता होती है।
पहले सिंचाई के साथ करें ये काम
कृषि वैज्ञानिक ने आगे कहा कि किसान अगर गेहूं की खेती कर रहे हैं तो पहले से छठा सिंचाई 20, 40, 60,80,100, और 120 दिन पर कर सकते हैं, जो याद करना बेहद आसान है। इससे किसानों के फसल उत्पादन में बढ़ोतरी भी होती है। उन्होंने बताया कि विशेषकर किसानों को पहले सिंचाई के लिए 20 से 25 दिन के बीच करना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये गेहूं के टिलरिंग का स्टेज होता है। इस दौरान एक गेहूं से 7 – 8 गेहूं बनने की प्रक्रिया होती है। इसलिए किसान पहला सिंचाई करते समय यूरिया का भी भुरकाव जरूर करें।
दूध भराने से पहले जरूर करें एक सिंचाई
उन्होंने कहा कि टिलरिंग स्टेज और दूध भराने के समय सिंचाई जरूर करें, क्योंकि इस दौरान गेहूं के उत्पादन बढ़ने का समय होगा है। अगर इस दौरान किसान समय पर सिंचाई नहीं करते हैं तो गेहूं का उत्पादन घट सकता है। अगर किसानों को अच्छा उत्पादन पाना है तो गेहूं की खेती में इन बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।