Wheat : नवंबर के पहले सप्ताह में करें गेहूं की इस किस्म की बिजाई , मिलेगा 90 क्विंटल का उत्पादन
Wheat New Variety : देश में जल्द ही रबी का सीजन की शुरुआत होने वाली है। रबी की फसलों की बिजाई से पहले किसानों को बढ़िया बीजों की जरूरत पड़ती है। यदि आप भी गेहूं की बेहतरीन पैदावार (Best Wheat Variety) लेने की सोच रहे है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। आज हम आपको शानदार गेहूं की किस्म बताएंगे, जिसकी पैदावार अधिक होगी और बीमारी नहीं होगी। गेहूं की इस नई किस्म के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
The Chopal, Wheat New Variety : भारत में इस समय खरीफ फसलों का सीजन अंतिम दौर में है। खरीफ की फसलों की कटाई करने के बाद किसान गेहूं की बिजाई करेंगे। हर किसान चाहता है कि वह अपने खेत में अच्छी वैरायटी के गेहूं की बिजाई करे ताकि वे कम खर्च में अच्छी पैदावार (Best Wheat Variety) प्राप्त कर सकें।
यदि आप भी अच्छे गेहूं की बिजाई (kab kare gehu ki bijai) के बीज की तलाश में हैं, तो यह जानकारी आपके लिए कारगर साबित हो सकती है। कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म बनाई है, जिस पर बीमारी या खराब मौसम का कोई असर नहीं होगा। यह 90 क्विंटल भी आसानी से उत्पादन दे सकती है।
हर मौसम में मिलेगा शानदार उत्पादन
गेहूं की खेती पिछले कुछ सालों से किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई है। गेहूं की एक प्रजाति से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है। खराब मौसम ने गेहूं की कई किस्मों पर बुरा प्रभाव डाला है, जिससे पैदावार में कमी आई है और कई किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए गेहूं की एक वैरायटी (Farming News) बनाई है जो खराब मौसम में भी अच्छी पैदावार दे सकती है ।
गेहूं की एचडी 3385 नई वैरायटी
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गेहूं की नई किस्म HD 3385 बनाई है। गेहूं की यह नई किस्म बहुत अच्छी पैदावार देती है। गेहूं की इस नई किस्म की समय पर बुवाई करने पर 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार मिल सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने गेहूं की इस श्रेष्ठ प्रजाति को बनाया है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नई गेहूं की किस्म उत्तर पश्चिमी और पूर्वी मैदानों के लिए अच्छी है।
सभी राज्यों में मिलेगा बीज
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए गेहूं की इस नई वैरायटी (new wheat variety) को हर राज्य में लाया जाएगा। नई गेहूं की किस्म पर मौसम बदलाव और पीला रतुआ रोग का कोई असर नहीं होगा। नई किस्म का औसत उत्पादन 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, लेकिन गेहूं की खेती में यह 90 क्विंटल तक पा सकता है। विभिन्न परिस्थितियों में भी, कृषि वैज्ञानिकों ने इसका उत्पादन 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखा है।
तापमान भी नहीं करेगा प्रभावित
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि गेहूं की इस नई किस्म (Gehun ki nyi kism) पर अधिक तापमान का कोई बुरा असर नहीं होगा और इसमें करनाल बंट बीमारी भी नहीं होगी। एचडी 3385, गेहूं की नई किस्म, येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट से मुक्त है और टिलरिंग से भी सुरक्षित है।
नवंबर के पहले सप्ताह और अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बुवाई करें।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान इसकी बुवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर के शुरुआती दिनों में कर सकते हैं। गेहूं की इस किस्म में करनाल बंट नामक रोग नहीं लगता है और अधिक तापमान सहन कर सकता है। इसके पौधे 98 सेंटीमीटर ऊँचा होता है। गेहूं की नई प्रजाति HD 3385 में टिलरिंग की कोई समस्या नहीं है। इसमें येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट भी नहीं होता। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-NCR क्षेत्र के लिए गेहूं की यह नई किस्म बेहतरीन है।
भारत में उगाई जाने वाली मुख्य किसमें
भारत में उगाए जाने वाली गेहूं की किस्में हैं वी.एल- 832, वी.एल-804, एच.एस-365 , एच.एस-240, एच.डी-2687, डब्ल्यू.एच-147, डब्ल्यू.एच-542, पी.बी डब्ल्यू-343 , डब्ल्यू.एच-896 (डी), पी.डी.डब्ल्यू-233 (डी), यू.पी-2338, पी.बी.डब्ल्यू -502, श्रेष्ठ (एच.डी-2687), आदित्य (एच.डी 2781), एच.डब्ल्यू -2044, एच.डब्ल्यू-1085, एन.पी-200 (डी.आई), एच.डब्ल्यू-741) ।
भारतीय तथ्य एवं आंकड़े
अन्य सभी संयुक्त फसलों की तुलना में विश्व व्यापार के संदर्भ में गेहूं सर्वाधिक है। वैश्विक बाज़ार में भारतीय गेहूं की मांग हर वर्ष बढ़ती जा रही है। 2023-24 के दौरान भारत से 470.83 करोड़ रुपए / 56.66 अमरीकी मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत पर 188287.99 मीट्रिक टन गेहूं निर्यात किया गया था।