मानसून की अच्छी बारिश के चलते टूटेगा गेहूं की बुवाई का रिकार्ड

The Chopal, Agriculture in MP : इस बार मध्य प्रदेश में गेहूं की बुवाई के रिकॉर्ड बढ़ोतरी की उम्मीद है। 95 लाख हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र है, जो 110 लाख हेक्टेयर तक बढ़ सकता है। कृषि विभाग ने खाद-बीज के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है। चना क्षेत्र भी बढ़ रहा है, और मुख्यमंत्री ने सरकार से डीएपी, एनपीके और बीज की आपूर्ति को और अधिक बढ़ाने की मांग की है।
इस बार प्रदेश में मानसून अच्छा रहने से गेहूं का बोवनी रिकार्ड भी टूट जाएगा। गेहूं की बुवाई अभी तक 95 लाख हेक्टेयर तक हुई है। इस बार 15 लाख हेक्टेयर से 110 लाख हेक्टेयर बढ़ने की उम्मीद है। कृषि विभाग ने इसे देखते हुए खाद-बीज को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। लक्ष्य अगले सप्ताह कृषि उत्पादन आयुक्त की संभागीय बैठकों में निर्धारित होगा।
रीवा जिले को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में औसत से अधिक वर्षा हुई है। इससे गेहूं, जो रबी सीजन की प्रमुख फसल है, का क्षेत्र बढ़ेगा। वर्ष 2022-23 में 97.81 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोवनी हुई थी, जो 2023-24 में घटकर 92.10 लाख हेक्टेयर घटकर 5.84 प्रतिशत घट गया था। 95 लाख हेक्टेयर तक फिर बढ़ा।
चना भी लगातार बढ़ रहा है। 2022–2023 में यह 21 लाख हेक्टेयर था, लेकिन 2023–2024 में 23.46 लाख हेक्टेयर हो गया। इसमें वृद्धि भी हो सकती है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अक्टूबर-नवंबर में रबी फसलों का क्षेत्र बढ़ने के आधार पर भारत सरकार से अधिक डीएपी, एनपीके, कम्प्लेक्स और बीज की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है।
प्राप्ति में पंजाब को पीछे छोड़ दिया मप्र में सरकार गेहूं कम समर्थन मूल्य पर खरीदती है। गत वर्ष बाजार मूल्य अधिक था, इसलिए उत्पादन कम हुआ था। जबकि, मध्य प्रदेश 2020–2021 में उपार्जन में देश में सर्वश्रेष्ठ था। यहां उत्पादित शरबती गेहूं की दुनिया भर में मांग है।