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पीएम केयर फंड- SC में याचिका दायर, कोष का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग,

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पीएम केयर्स फंड की वर्तमान स्थिति एवं कोरोना राहत और अन्य परियोजनाओं के लिए इससे किए गए राशि के आवंटन की जानकारी मांगी गई है. साथ ही याचिका में केंद्र सरकार से पीएम केयर्स फंड के संबंध के बारे में जानकारी मांगी गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी
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पीएम केयर फंड- SC में याचिका दायर, कोष का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग,

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पीएम केयर्स फंड की वर्तमान स्थिति एवं कोरोना राहत और अन्य परियोजनाओं के लिए इससे किए गए राशि के आवंटन की जानकारी मांगी गई है. साथ ही याचिका में केंद्र सरकार से पीएम केयर्स फंड के संबंध के बारे में जानकारी मांगी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि पीएम केयर फंड महत्वपूर्ण पार्टी है. पीएम केयर फंड से कोरोना से सबंधित सप्लाई और सर्विसेस के लिए फंडिंग की जा रही है. पीएम केयर फंड का मुख्य मकसद पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी की स्थिति में किसी भी तरह की सहायता और रिलीफ देना है. इसके लिए हेल्थकेयर के अपग्रेडेशन से लेकर दवाओं की सुविधाएं और वित्तीय सहायता दी जा सकती है.

पीएम केयर फंड- SC में याचिका दायर, कोष का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग,जानकारी के लिए बता दें की एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने यह हस्तक्षेप याचिका कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित मामले में दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड एक गैर सरकारी हितधारक है और कोरोना से जारी लड़ाई में वह मुख्य सहयोगी है और वह कोरोना से होने वाली लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. ऐसे में पीएम केयर्स फंड के जरिए आवश्यक वस्तुओं के वितरण व आपूर्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है.

याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक तौर पर हमें पीएमओ द्वारा जारी बयान या प्रेस विज्ञप्तियों के जरिए पीएम केयर्स फंड से हुए आवंटन के बारे में जानकारी मिलती है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इसके अलावा भी कोविड-19 से संबंधित खर्च में इस फंड का इस्तेमाल होता है या नहीं?

याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड को भी मामले में पक्षकार बनाया जाए और फंड की वर्तमान स्थिति का खुलासा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस फंड की देखरेख पीएमओ और अन्य केंद्रीय मंत्रियों द्वारा की जा रही है. इसके लिए राष्ट्रीय प्रतीक व लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह न तो भारत सरकार का है और न ही इस पर सरकारी नियंत्रण है.

याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर फंड स्वतंत्र और अलग यूनिट है. वह कोरोना के दौरान लगातार फंड आवंटन कर रह है. साथ ही वैक्सीन के विकास में भी फंडिंग कर रही है. जबकि आरटीआई के तहत अकाउंट के बारे में जानकारी नहीं दी गई है.

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