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खुशखबरी! राजस्‍थान में किसानों को मिलेंगे 1500 ड्रोन, जानिए क्या है प्रक्रिया

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ड्रोन

Jaipur. खेती कार्यों में ड्रोन तकनीक का प्रयोग फसलों में खाद और दवाई के छिड़काव के लिए जोरों से किया जा रहा है. किसानों को इस तकनीक से अवगत करवाने लिए लाइव प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के बाद प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम में खेती की अत्याधुनिक सुविधाओं के प्रयोग करने की शुरुआत की है. इस दौरान सैंकड़ों किसानों की उपस्थिति में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने ड्रोन से दवाओं का छिड़काव किया गया. सभी जिलों में कृषि अधिकारियों ने भी किसानों को जागरूक करने के लिए कुल 20 हेक्टेयर जमीन पर ‘मिनी हेलिकॉप्‍टर’ कहे जाने वाले ड्रोन से खेतों में दवा और खाद का छिड़काव किया गया है. कृषि मंत्री ने बताया कि पहले चरण में नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है. इससे यूरिया की कमी को पूरा किया जा सकता है.

खेती विभाग की ओर से बुधवार को जोशीवास गांव, जोबनेर जयपुर में राज्यस्तरीय ड्रोन तकनीकी का लाइव प्रदर्शन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा किया गया. कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 2 वर्षों में 1500 ड्रोन दिए जाएंगे. इसमें ड्रोन पर लागत का 40 प्रतिशत (अधिकतम 4 लाख रुपये) के साथ ही किसानों में जागरूकता पैदा करने और खेतों पर प्रदर्शन हेतु अधिकतम 6 हजार रुपये प्रति हेक्टर का अनुदान मिलने वाला है. राज्य के ऐसे कृषक जो सीमित आय के कारण उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरणों को क्रय करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें ड्रोन किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे किसान कम लागत एवं कम समय में व्यापक कृषि क्षेत्र में रसायनों का छिड़काव कर सकेंगे. प्रदेश सरकार की पहल पर सभी 33 जिलों में एक साथ ड्रोन द्वारा रसायनों का छिड़काव किया गया है.

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