Rajasthan: चर्चा में राजस्थान के कंबल वाले बाबा, लकवा मरीज ऐसे कर रहे चमत्कार से ठीक

राजसमंद - भारत के मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के कथित चमत्कार को लेकर उठा विवाद खत्म भी नहीं हुआ था की अब राजस्थान में अब काले कंबल वाले बाबा का मामला सामने आ गया है.आप को बता दे की राजस्थान के राजसमंद जिले में काले कंबल वाले बाबा अपना विशेष शिविर लगाकर लोगों का उपचार करने का दावा करते हैं.यह पर लाइलाज बीमारी का चुटकी भर में इलाज करने का दावा करने वाले काले कंबल वाले बाबा तो आज के चिकित्सा विज्ञान को ही चुनौती दे रहे हैं.आप की जानकारी के लिए बता दे की बाबा जी मूलत: गुजरात के निवासी हैं,उनका असली नाम गणेश भाई गुर्जर है. कम्बल वाले बाबा अपना 15-15 दिन का विशेष शिविर अलग-अलग जगहों पर लगाकर लोगों का उपचार करने का दावा करते हैं. तत्काल उपचार की बात की जाए तो कई लोगों का तो यह तक कहना हें की बाबा के सिर्फ कम्बल को स्पर्श करने मात्र से ही स्वस्थ होने का दावा किया है.इसके विपरीत कई लोगों का मानना हैं की उन्हें कोई आराम नहीं हुआ है.
राजस्थान के राजसमंद जिले में कंबल वाले बाबा के शिविर में राजस्थान और राजसमंद के ही नहीं, बल्कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से लोग यह इलाज के लिए आते हैं. इन शिविर के लोगों का दावा भी हैं की यह पर इलाज के नाम पर 1 रुपया भी खर्च नहीं आता हैं लेकिन आप को बता दे की लोग शिविर में आने के लिए 50 हजार से एक-एक लाख रुपए तक भी खर्च कर रहे हैं. कम्बल वाले बाबा का मानना हैं की उनके कम्बल में आध्यात्मिक शक्ति है. उनका दावा हैं की किसी भी व्यक्ति के पर कंबल डालने के बाद उसकी नाड़ी व शरीर को देखने पर उन्हे तुरत उसकी बीमारी का पता भी चल जाता है. बाबा का तो यह तक दावा करते है कि सामने व्यक्ति को खड़ा देखकर चिकित्सा-विज्ञान की भाषा में जो बीमारी का नाम है, वह बता देते हैं.
हर गंभीर बीमारी के इलाज का दावा करते हैं -
राजस्थान के कंबल वाले बाबा गणेश भाई गुर्जर उर्फ कंबल वाले बाबा के कंधे पर हमेशा आपको एक काला कंबल देखने को मिलेगा. बाबा के शिविर में ज्यादातर लकवे से ग्रसित लोग इलाज के लिए आते हैं. बाबा ने तो दावा किया है कि वह दुनिया के हर गंभीर बीमारी का इलाज करते हैं. बाबा के सिर पर आपको काली पगड़ी देखने को मिलती हैं। उनके पास एक काला भी कंबल रहता है. इसी से बीमारियों को ठीक करने का दावा भी किया जाता है.कम्बल वाले बाबा ने बताया कि उन्हें यह सिद्धि माताजी की कृपा से मिली है.बाबा के कंबल की बात की जाए तो बाबा को यह कंबल एक आम के झाड़ से मिला था और मुझे माताजी ने आशीर्वाद भी दिया था कि यह कंबल किसी पर ओढ़ा दोगे तो वह ठीक भी हो जाएगा. बाबा जी का कहना हैं की उन्हें यह काम करते हुए मेरे को 32 साल हो गए.
बाबा की होती हैं बंपर कमाई -
आप को बता दे की काले कंबल वाले बाबा के शिविर में ₹40 की खाने की थाली बेचकर करीब रोज का ₹200000 आराम से कमा लेते हैं. वही पानी की बोतल 15 से 20 रुपये में बेचकर 40000 रुपये की कमाई करते हैं. इसके अलावा आप को बता दे की ₹40 के हिसाब से 700 से 1000 विस्तर आराम से यूज़ होते हैं. चाय और बाबाजी का यंत्र बेचकर भी मोटी कमाई की जाती है. शिविर में लोगों को हवन के लिए 11 नारियल की भी जरूरत पड़ती है. बाबा जी गणेश गुर्जर नारियल भी उपलब्ध कराते हैं.यहा पर एक नारियल की कीमत ₹20 होती है और करीब 7 से 8 बोरी नारियल की खपत आराम से हो जाती हैं . इन सभी कामों से कंबल वाले बाबा की मोटी कमाई होती है. शिविर मैनेजमेंट के नाम पर बाबा जी का 1 रुपए तक भी खर्च नहीं होता है, क्योंकि वहां काम करने वाले भी बाबा जी के भक्त होते हैं.
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