The Chopal

रबी सीजन की फसल को लेकर मौसम विभाग की एडवायजरी जारी, नुकसान से बचने के लिए किसान निपटा ले ये काम

   Follow Us On   follow Us on
Agriculture Advisory, Agriculture News, Rabi Crop Farming, Agromet Advisory, Rabi season farming, Rabi season 2022, Farming Alert, advisory for farmers,,एग्रोमेट एडवाइजरी, रबी फसल की खेती, कृषि एडवाइजरी, रबी सीजन की खेती, रबी सीजन 2022, कृषि समाचार, खेती अलर्ट, किसानों के लिए सलाह

Rabi Season Farming: देश में मौसमी बदलाव के दौर के बीच अब ठंड ने पूरी तरह दस्तक दे दी है। इस बीच देश भर के किसान रबी फसलों की बुवाई का काम भी तेजी से कर रहें है। कई इलाकों में फसल की अगेती बुवाई हो गई है। वहाँ पौधे बड़े होते जा रहे हैं। ये मौसम सब्जी फसलों के लिए भी बहुत उपयुक्त है, लेकिन बदलते में मौसम में किसानों और पशुपालकों की चिंताएं भी कुछ अधिक बढ़ ही जाती हैं। मौसम, खेती और पशुपालन से जुड़ी, तमाम चिंताओं की पूरी रोकथाम के लिए मौसम विभाग ने एग्रोमेट एडवायजरी भी अब जारी की है, जिसमें मौसम विभाग द्वारा बताया गया है कि अगले 5 दिन बारिश की संभावना बिल्कुल नहीं है, लेकिन आसमान में बादल जरूर छाए रहेंगे।

वही मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में हल्की सर्दी बढ़ती जा रही है, इसलिए पशुओं का खासतौर पर ध्यान भी रखें। यह समय पशु चारा की बीजाई के लिए भी अनुकूल भी है, इसलिए खेतों में बरसीम की बुवाई कर लें। गेहूं और चना की बुवाई भी जल्द निपटा लें और सब्जी फसलों में कीट रोगों की निरगानी जरूर करते रहें। 

इन बातों का विशेष ध्यान रखें किसान

  • यह समय चारा फसलों की बुवाई के लिए सबसे अच्छा है, इसलिए खेतों में नमी का ध्यान रखते हुए बरसीम (वरदान-1), लूसर्न और जई (केंट) की बुवाई का काम जरूर पूरा कर लें।
  • दलहनी फसलों की बुवाई से पहले बीजों पर राइजोबियम कल्चर, पीएसबी कल्चर और सूखा प्रभावित इलाकों में ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल भी करें।
  • इस तरह बीज उपचार के बाद बुवाई करने से मिट्टी की कमियां दलहन के उत्पादन को बिल्कुल प्रभावित ना करें।
  • तापमान के गिरावट के मद्देनजर जल्द से जल्द नवंबर में गेहूं, चना, मसूर और मटर की बुवाई भी किसान निपटा लें। किसी फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं, जिससे जरूरत के अनुसार ही खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा सके।

बागवानी फसलों की खेती में करें ये काम 

  • इन दिनों टमाटर और मिर्च की फसल में लीफ कर्ल रोग के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं, इसलिए मौसम साफ होने पर इमिडाक्लोप्रिड की 1 मिली और थियामेथोक्साम की 1 ग्राम प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव फसल पर जरूर करें।
  • आलू की जल्दी बुवाई वाली फसल पर मिट्टी चढ़ाने का काम कर लें। बाद में नाइट्रोजन उर्वरक का भी छिड़काव जरूर करें। अभी तक आलू की बुवाई नहीं की है तो नवंबर के अंत तक कुफरी सिंदूरी और कुफरी लालिमा किस्मों से बुवाई का काम भी पूरा कर लें।

पशुओं के लिए यह सलाह

  • बदलते मौसम में सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि पशुओं को भी खास देखभाल की जरूरत भी होती है। इन दिनों बीमारियों का खतरा भी कुछ बढ़ जाता है, इसलिए पशु चिकित्सक की सलाह पर टीके जरूर लगवाएं।
  • पशुओं को मच्छर, मक्खी और मकड़ी के प्रकोप से बचाने के लिए पशु बाड़े या तबेले को साफ-सुथरा भी रखें। 
  • इन दिनों पशुओं के खास-पान का खास ध्यान रखें। पशुओं को सूखे चारे के साथ दलिया, चरी और सुबह-शाम एक चम्मच नमक भी जरूर खिलाएं।
  • पशुओं के लिए बिछावन और पहनाने के लिए जूट या कपड़े के साफ कपड़ों का इंतजाम भी कर लें।
  • इन दिनों पोल्ट्री फार्म की भी साफ-सफाई का ध्यान रखें, क्योंकि मुर्गियों में रानीखेत और गुम्बोरो रोग का इंफेक्शन भी फैल सकता है, रोकथाम के लिए टीकाकरण भी अवश्य करवाएं।

यह भी पढ़ें- धान मंडी भाव 22 नवंबर 2022: धान के भाव में शानदार तेजी, देखें आज के ताज़ा भाव