Wheat: गेहूं की यह किस्म किसानों को देगी शानदार पैदावार, इस तरीके से करें बुवाई
Wheat: अब रबी के सीजन में किसान गेहूं की कई तरह की किस्म का रोपण करता है. बता दें कि यह प्रमुख खाद्यान्न फसल तो है ही, साथ ही भारत में इसका उत्पादन और खपत दोनों ही काफी ज्यादा है. लेकिन किसान इस बार गेहूं की इस किस्म की खेती कर बपंर पैदावार ले सकता है.
जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की पूसा तेजस किस्म से बुवाई के 115 से 125 दिनों के अंदर 65 से 75 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. इस किस्म को काफी पसंद किया जा रहा है. इसके कारण बपंर पैदावार हो रही है.
किसानों के लिए खुशखबरी है. बता दें कि हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई ऐसी किस्में विकसित की हैं, जो कम समय और कम खर्च में ही अच्छी क्वालिटी का अनाज देती है, सही समय पर बुवाई करने से फसल की पैदावार भी अच्छी होती है. बता दें कि इसमें पूसा तेजस किस्म का नाम आता है. इस किस्म की खेती करने से बपंर पैदावार हो सकती है.
पूसा तेजस गेहूं की किस्म
जानकारी के लिए बता दें कि पूसी तेजस गेहूं का वैज्ञानिक नाम HI-8759 भी है, जो रोटी और- बेकरी उत्पादों (Bakery Wheat) के साथ-साथ नूडल, पास्ता और मैक्रोनी जैसे उत्पादों को बनाने के लिये सबसे उपयु्क्त रहती है. इस तरह से इस किस्म की खेती कर काफी मुनाफा हो सकता है.
खास बात यह है कि गेहूं की इस किस्म में आयरन, प्रोटीन, विटामिन-ए और जिंक जैसे पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है. इसके कारण इस किस्म को काफी पायदेमंद माना जा रहा है.
इस किस्म की खास बात यह है कि इसमें पत्तियां चौड़ी, मध्यमवर्गीय, चिकनी और सीधी होती है, जो किसानों जोखिम में भी रिकॉर्ड उत्पादन दे सकती है. इसमें बपंर पैदावार होती है.
किसान इस समय करें बुवाई
किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि पूसा तेजस गेहूं की बुवाई के लिये 10 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक का समय सबसे उपयुक्त रहता है. इस समय में इसकी खेती कर बपंर पैदावार ली जा सकती है.
साथ में ध्यान रहें कि इस दौरान प्रति एकड़ के लिये 50 से 55 किलोग्राम बीज, प्रति हेक्टेयर के लिये 120 से 125 किलोग्राम बीज और प्रति बीघा के हिसाब से 20 से 25 किलोग्राम बीजदर का प्रयोग करना चाहिये. ऐसा करने से बपंर पैदावार होगी.
किसान इस तरह करें खेती
किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि इसके बुवाई से पहले खेतों में गहरी जुताई लगाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिये. इसके बाद गोबर की खाद और खरपतवार नाशी दवा का भी मिट्टी में छिड़काव करना चाहिये. ऐसा करने से इसकी अच्छी पैदावार होती है.इस तरह से बपंर पैदावार ली जा सकती है.
