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कपास की फसल में रोग और किटों का ऐसे करें उपाय, कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Cotton Crop : खरीफ सीजन की प्रमुख फसल को किट रोगों से बचाव के लिए कृषि विभाग की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। किसानों को कपास में लगने वाले रोगों के बारे में कृषि विभाग की टीम तकनीक जानकारी दे रही है। ताकि किसान फसल में कीट रोग की पहचान करके तुरंत उसका समाधान कर सके।

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कपास की फसल में रोग और किटों का ऐसे करें उपाय, कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Protection Of Cotton Crop From Pests And Diseases : खरीफ सीजन की फसल कपास को रोगों से बचाने के लिए कृषि विभाग की तरफ से विशेष सलाह जारी की गई है। कपास की फसल किट रोगों से प्रभावित न हो इसके लिए सरकार के अलावा कृषि विभाग के अधिकारी भी निरंतर कोशिश कर रहे हैं. खेतों में कृषि विभाग की टीम पहुंचकर फसलों की खास निगरानी कर रही है और किसानों को फसल में लगने वाले कीट रोगों की रोकथाम के बारे में तकनीकी जानकारी दे रही है. कपास की फसल में नुकसान ना हो इसके लिए किसानों को फसल को रोगों से बचने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि किसान फसल में कीट रोग की पहचान करके तुरंत उसका समाधान कर सके। 

पौधों की जड़ों में ट्रेचिगं करें 

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के कृषि उपसंचालक में किसानों को कपास की फसल के लिए खास एडवाइजरी जारी की है. अगर आपको कपास के पौधे  मुरझाते हुए नजर आने लगे तो किसान भाई फसल में कार्बेन्डाजिम एक ग्राम या कॉपर आक्सीक्लोराइड तीन ग्राम दवा प्रति लीटर पानी के हिसाब से पौधों की जड़ों में ट्रेचिंग कर दें. कपास की फसल पर रस चूसक किट जैसे थ्रिप्स और हरा मच्छर होने की वजह से पौधों में सिकुड़न आ जाती है. इसके रोकथाम के लिए किसानों को  फ्लोनिकोमाइड 50 डब्ल्यूपी 06 ग्राम/पम्प या फिप्रोनिल 20 एमएल प्रति दवाओं का फसलों पर छिड़काव कर दें. अगर फसल ज्यादा प्रभावित हो चुकी है तो उस पर फिप्रोनिल प्लस इमिडाक्लोरोप्रिड के मिश्रण का छिड़काव कर दे. 

गुलाबी सुंडी का इस प्रकार करें रोकथाम 

कपास की फसल का समय अब फूल देने का आ चुका है. फूल देने की इस अवस्था में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा देखा जाता है. गुलाबी सुंडी की वजह से किसानों की पैदावार में काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है. गुलाबी सुंडी से निजात पाने के लिए प्रति एकड़ खेत में चार 4 फेरोमेन ट्रैम लगाय. हर दिन के हिसाब से वयस्क पंखियों का रिकॉर्ड चेक करें। अगर आपको खेत में प्रति ट्रैम 8 या से ज्यादा पंखियों नजर आने लगे तो तुरंत खेत में दस घेटों का चयन करें. इन घेटों मैं इल्लियों कितनी आती है यह सब रिकॉर्ड रखें. अगर आपके खेत में औसतन एक घेटों से अधिक घेटों में  का प्रकोप पाया जाता है तो तुरंत प्रभाव से कीटनाशकों का प्रयोग आरंभ कर दें. फसल में पहले प्रोफेनोफास या थायडीओकार्ब जैसे कम विषैले कीटनाशकों का प्रयोग आरंभ करें। अगर इल्लियों का प्रकोप फसल में ज्यादा नजर आने लगे तो लेमडासायहेलोथ्रिन या एमिमोमेकटीन बेंजोएट या इन्डोक्साकार्ब जैसे अधिक विषैले कीटनाशकों का प्रयोग करें। 

खेतों की देखरेख करें  

मौजूदा समय में कपास की फसल में किसी भी तरह का कोई कीट रोगों का खतरा नहीं है. कपास की फसल के लिए मौजूदा मौसम अनुकूल है। इस समय पौधे की अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिलती है. कपास की फसल की निगरानी आने वाले समय में ज्यादा रखनी पड़ेगी. किट रोगों की रोकथाम के लिए खास इंतजाम रखना की जरूरत होगी. कपास की फसल में फूल आने की अवस्था में गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा देखा जाता है. इस समय में फसल के लिए कीटों का प्रकोप नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसलिए किसान अपने खेतों की लगातार अच्छी खासी निगरानी रखें. अगर आपको फसल में गुलाबी इल्ली का प्रकोप नजर आने लगे तो इस समय कीटनाशकों का प्रयोग किया जाना अति आवश्यक है. सही समय पर अगर कीटनाशकों का प्रयोग किया जाएगा तो फसल में होने वाला नुकसान कम हो जाएगा.