Barley Farming: किसान भाई ऐसे करें जौ की खेती, इस बार ज्यादा मिलेगी पैदावार
Barley cultivation : जौ की खेती रबी मौसम की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है, जिसका बाजार में बढ़ता उपयोग किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
Barley cultivation : जौ की खेती रबी मौसम की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है, जिसका बाजार में बढ़ता उपयोग किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। दाने, पशु आहार, औद्योगिक उत्पाद जैसे शराब, बेकरी, और फाइबर बोर्ड में उपयोगी जौ की खेती खासतौर पर कम उपजाऊ और क्षारीय भूमि में की जाती है। साथ ही, पर्वतीय क्षेत्र के किसान जौ की खेती नवंबर मध्य से लेकर दिसंबर पहले सप्ताह तक कर सकते हैं, जो उच्च उत्पादन का उपयुक्त समय माना जाता है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के हैप्रेक संस्थान के कृषि विशेषज्ञ डॉ। अंकित रावत के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के लिए जौ एक मुख्य फसल है और इसे सही समय पर बोना अत्यंत आवश्यक है। डॉ. रावत का सुझाव है कि बुवाई से पहले खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए, जिससे मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहे। खेत को जोतने के बाद उसे समतल करना और गोबर की खाद का उपयोग करना जरूरी है।
पहली जोताई गहरी होनी चाहिए ताकि खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जाएं। जोताई के 2 दिन बाद हल्की जोताई के साथ बीज बुवाई करें।
प्रति हेक्टेयर 60-80 किलो बीज की आवश्यकता होती है, जिसे छिड़काव विधि से बोया जाता है। बुवाई के 30 दिन बाद पहली सिंचाई करना उपयुक्त होता है। लगभग 120 दिन में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।