सब्जियों से ज्यादा मुनाफा देगी इस फसल की खेती, 1 एकड़ में होगी लाखों की कमाई
Pumpkin cultivation : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के किसान अब उन फसलों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जो कम वक्त में ज्यादा मुनाफा देने वाली हैं। वहीं, कद्दू भी एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Pumpkin Farming Tip : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के किसान अब उन फसलों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जो कम वक्त में ज्यादा मुनाफा देने वाली हैं। वहीं, कद्दू भी एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि कद्दू एक ऐसी सब्जी है, जिसकी डिमांड बंजारों मे हमेशा बनी रहती है। इसकी खेती कर किसान मालामाल बन सकते हैं।
इस फसल में किसानों को कम मेहनत भी पड़ती है। साथ ही तैयार करते समय खेत में काम की भी कम जरूरत पड़ती है। किसानों को खेत में पेस्टिसाइड का इस्तेमाल भी कम से कम करना पड़ता है और समय पर फसल तैयार हो जाती है। इससे किसान पारंपरिक खेती छोड़कर सब्जियों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं।
जिले के प्रगतिशील किसान सब्जियों की खेती कई सालों से तगड़ी कमाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों रुपए का मुनाफा मिल रहा है। बाराबंकी जिले के सिरौली कला गांव के रहने वाले किसान उमेश दीक्षित 5 सालों से कद्दू की खेती कर रहे हैं। इसकी खेती में उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। इसके बाद आज वह करीब 3 एकड़ जमीन पर कददू की खेती कर रहे हैं। इस खेती से उन्हें करीब 3 से 4 लाख रुपए का सालाना मुनाफा हो जाता है।
वहीं, कद्दू की खेती कर रहे किसान उमेश दीक्षित ने बताया कि कद्दू की खेती वह 5 सालों से करते आ रहे हैं। इस समय करीब 3 एकड़ में कददू की खेती की है, जिसमें लागत करीब 1 एकड़ में 20 से 25 हजार रुपए आती है। मुनाफा करीब एक एकड़ में 2 लाख रुपए तक हो जाता है।
उनका कहना है कि इस समय उनका जो कद्दू निकल रहा है। वह करीब 18 से 20 रूपए प्रति किलो क़े रेट में जा रहा है। इस खेती में लागत कम मुनाफा ज्यादा है। इसलिए वह अपने किसान भाइयों से कहना चाहते हैं कि फसलों के साथ थोड़ी सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमाएं।
किसान ने बताया कि इसकी खेती करना काफी आसान है। पहले खेत की जोताई की जाती है। उसके बाद खेत में मेड बनाकर उस पर वह मल्चिंग कर देते हैं। फिर उसमें छेद करके दो से ढाई फीट की दूरी पर कद्दू के बीज की बुवाई की जाती है। वहीं, करीब 8 से 10 दिनों बाद पौधा निकल आता है। तब इसमें हम जैविक खाद का छिड़काव कर पानी की सिंचाई करनी होती है। फिर वही इसकी फसल 2 महीने मे तैयार हो जाती है, जिसे हम बाजारों में बेच सकते हैं।