गाजर की खेती कर 3 महीने में कमाएं मोटा मुनाफा, इस तरह करें खेती
The Chopal - सर्दियों में गाजर का बहुत से लोग खाते हैं। यह इम्युनिटी से भरपूर भी है। इनका उपयोग कच्चा और सब्जी दोनों में किया जाता है। गाजर, जो विटामिन ए से भरपूर है, आंखों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी है। इसमें पाए जाने वाली कैरोटिन बालों के लिए बेहतरीन है। इसे खाने से पाचन भी अच्छा होता है।
ऐसी जलवायु गाजर की खेती के लिए अच्छी है
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में गाजर का व्यापक उत्पादन होता है। 15 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान इसकी खेती के लिए अच्छा है। 15 डिग्री से कम तापमान पर भी गाजर हल्का हो सकता है। इसलिए इसकी खेती केवल 15 डिग्री से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में सफल होती है।
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गाजर की खेती करते समय जमीन की तैयारी
गाजर की बुवाई से पहले खेत को बिजाई के लिए समतल कर लें। खेत को 2 से 3 इंच गहरा करो। प्रत्येक जुताई के बाद पाटा लगाना सुनिश्चित करें। इससे खेत की मिट्टी भूरी हो जाती है, जिससे गोबर की खाद को अच्छी तरह से मिलाया जा सकता है।एक हेक्टेयर क्षेत्र में चार से छह किलो गाजर के बीज चाहिए। बुवाई के बारह से पंद्रह दिनों के बाद बीज अंकुरित होते हैं।बुवाई से पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोने से बीज अंकुरित होने में अधिक समय लगता है।
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90 दिनों में आय
बुवाई के 70 से 90 दिनों में गाजर तैयार हो जाता है। 8 से 10 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो सकते हैं। गाजर प्रति किलो ३० से ४० रुपये बिकता है।इस हिसाब से गाजर की खेती से लाखों का मुनाफा सिर्फ एक हेक्टेयर में मिल सकता है।