राजस्थान में मूंग बिजाई की तरफ बढ़ा किसानों का रुझान, ग्वार का घट गया दबदबा

राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में किसानों का रुझान ग्वार की बजाय मूंग की तरफ बढ़ रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ग्वार की बिजाई इस बार कृषि विभाग के निर्धारित लक्ष्य की आधी भी नहीं हो पाएगी. किसानों का ग्वार की बजाय मूंग की तरफ क्यों रुझान बढ़ रहा है इसके कई बड़े कारण हैं. हम आपको आंकड़ों सहित इस लेख में बताएंगे.
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राजस्थान में मूंग बिजाई की तरफ बढ़ा किसानों का रुझान, ग्वार का घट गया दबदबा

TheChopal: राजस्थान में ग्वार बुवाई का सीजन चल रहा है. परंतु नजर आए आंकड़ों में इस बार किसानों का रुझान ग्वार बिजाई के मुकाबले मूंग की तरफ ज्यादा नजर आ रहा है. श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में इस बार ग्वार की बिजाई कम तो मूंग की बिजाई का रकबा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. आज से कुछ सालों पहले ग्वार का भाव हजारों रुपए प्रति क्विंटल पहुंचने के बाद लगातार किसानों का रुझान ग्वार बिजाई में बना हुआ था. परंतु अब ग्वार का भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर रहने के चलते किसान फायदेमंद फसलों की तरफ रख कर रहे हैं. ज्यादा एमएसपी और मंडियो में हर साल मूंग का बढ़ता भाव किसानों को ज्यादा बिजाई के लिए प्रेरित कर रहा है.

ग्वार बिजाई के आंकड़ों में बड़ी गिरावट

जिले में कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालय की तरफ से खरीफ सीजन 2025 में 30 जून तक बिजाई के आंकड़े बताए गए. जिससे पता चलता है कि श्रीगंगानगर जिले में विभाग द्वारा 2 लाख हेक्टेयर में एक बार बिजाई का लक्ष्य रखा गया. परंतु आंकड़ों में अब तक 31 हजार 210 हेक्टेयर ही बिजाई हुई है. जो निर्धारित लक्ष्य का सिर्फ 15.61% है. कुछ ऐसा ही हनुमानगढ़ जिले में देखने को मिल रहा है. यहां ग्वार बिजाई का लक्ष्य है 3 लाख 50000 हेक्टेयर है. परंतु 86 हजार 80 हेक्टेयर में बिजाई हो पाई है. जो निर्धारित लक्ष्य का 24.59% हुआ.

मूंग बिजाई में बढ़ा रुझान

हालांकि अब तक के यह आंकड़े फाइनल नहीं है. ग्वार बिजाई का समय 30 जून तक होता है. लेकिन कई ऐसे किसान हैं. जो बिजाई जुलाई के पहले सप्ताह के अंत तक करते हैं. ऐसे में कितनी ग्वार बिजाई हुई है इसके फाइनल आंकड़े आना अभी बाकी है. कृषि जानकारों का कहना है कि दोनों जिलों में ग्वार के रकबे में 10% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इस बार श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में अबतक कुल 1 लाख 17 हजार 290 हेक्टेयर में एक बार की बिजाई पूरी हो चुकी है. जबकि पिछले साल 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बिजाई हुई थी. पिछले साल के मुकाबले तो इस बार बिजाई का आंकड़ा आधा भी नहीं पहुंचा है. ऐसा माना जा रहा है की किसानों का रुझान मूंग की तरफ बढ़ने के कारण ग्वार बिजाई का रकबा घट गया है.

किसानों का ग्वार से मोहभंग

कृषि एक्सपर्ट के अनुसार, 15 जुलाई तक मूंग की बिजाई की जा सकती है. शुरुआत में जब बिजाई शुरू हुई थी तब पर्याप्त मात्रा में सिंचाई का पानी नहीं था. जिसके चलते बिजाई में कमी आई. परंतु अब मानसून की 2 से 3 अच्छी बारिश ने पानी की कमी को दूर कर दिया. सिंचाई के लिए पानी की कमी होने के कारण किसानों ने कॉटन की बिजाई नहीं की थी. वह किसान अब मूंग की बिजाई करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार मूंग की बिजाई 15 जुलाई तक निर्धारित लक्ष्य से ऊपर चली जाएगी. प्रदेश की कृषि उपज मंडियो में ग्वार का भाव 4500 से 5000 के बीच बना रहता है. परंतु मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8700 प्रति क्विंटल बिक रहा है. माना जा रहा है की इसी वजह से किसानों का ग्वार से मोह भंग हो गया है.