3 महीने में पकेगी बाजरा की खेती, 1 एकड़ की पैदावार से किसान होंगे मालामाल

Millet Farming: भारत में आज भी एक बड़ी आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है। जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे खेती के तौर-तरीके भी आधुनिक हो रहे हैं। अब पारंपरिक तरीकों की जगह किसान नई तकनीकों, वैज्ञानिक विधियों और मुनाफे वाली फसलों को अपनाने लगे हैं। यदि सही तकनीक और थोड़ी समझदारी से खेती की जाए, तो किसान कम समय में भी अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

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3 महीने में पकेगी बाजरा की खेती, 1 एकड़ की पैदावार से किसान होंगे मालामाल

How to cultivate Bajra: देश में बड़े स्तर पर खेती के सहारे बड़ी आबादी अपना जीवन यापन करती है. आज किस में में किस भी समय के साथ आधुनिक होते जा रहे हैं. आज के वर्तमान समय में अगर अच्छी तकनीक से खेती की जाए तो किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. आज इस आर्टिकल में हम एक ऐसी फसल के बारे में जानकारी देंगे जो 70 दिनों में किसानों को मालामाल बना देगी. स्पेशल को पकाने के लिए किसानों को ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं पड़ती. 

कम पानी और कम मेहनत

बाजरा एक ऐसा अनाज है, जो कम पानी और कम मेहनत में उगता है और पोषण से भरपूर होता है। श्रीअन्न भी नाम है। क्योंकि यह प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर है ग्रीष्मकालीन बाजरे की बुआई और खरीफ के लिए अप्रैल से जुलाई तक का समय उपयुक्त है। सही प्रजाति चुनें, तो उत्पादकता बढ़ेगी और मुनाफा दोगुना होगा।

90 दिनों में बाजार पककर तैयार

बाजर एक एकड़ में 15 क्विंटल उत्पादन दे सकता है। मार्च में आप बाजरा बो सकते हैं, और मई में आप लाभ उठा सकते हैं। बाजार (Bajra) लगभग हर तरह की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी उसके लिए सर्वश्रेष्ठ है। 90 दिनों में बाजार पककर तैयार हो जाता है। किसानों के लिए बाजार खेती बहुत फायदेमंद है। अनाज के साथ-साथ चारे भी अच्छे होते हैं। इसका चारा बहुत पौष्टिक है। बाजरे को मानसून की पहली बारिश के दिनों में खेती कर सकते हैं। 65 से 70 दिन में बाजर पककर तैयार हो जाता है। बाजरे की फसल को आसानी से तैयार किया जा सकता है।

बलुई दोमट मिट्टी में अधिक पैदावार होगी 

बाजार लगभग हर तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है। लेकिन यह बलुई दोमट मिट्टी में अधिक होता है। जिस जमीन में पानी भरा है उस जमीन पर बाजरे की खेती नहीं की जा सकती। इसकी वजह यह है कि जमीन पर अधिक दिनों तक पानी भरा रहने से पौधों की जड़े सड़ जाती हैं और रोग लगते हैं, जिससे फसल बर्बाद होती है और पैदावार पर बुरा असर पड़ता है। बाजरे की खेती करने का विचार कर रहे किसानों को बता दें कि इसके लिए बहुत पैसे नहीं चाहिए। इस फसल की खेती बहुत महंगी नहीं होती। लेकिन बाजार में बाजरा बहुत महंगा है। इसलिए किसान बाजरे की खेती कर लाभ कमाने में सक्षम हैं।