किसानों के लिए वरदान साबित हो रही रेड गोल्ड, सालाना होती है लाखों की कमाई

किसान केसर की खेती कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. खानपान की सामग्रियों से लेकर पूजा पाठ और औषधियों में केसर का इस्तेमाल किया जाता है
   Follow Us On   follow Us on
किसानों के लिए वरदान साबित हो रही रेड गोल्ड, सालाना होती है लाखों की कमाई

The Chopal, Latest Agriculture News : केसर की डिमांड बाजार में साल भर रहती है. ऐसे में अगर आप किसान हैं और आम फसल करके बोर हो गए हैं तो आप केसर की खेती कर सकते हैं. केसर की खेती में मुनाफा भी ज्यादा होता है. बाजार में ये ऊंचे भाव पर बिकती है. केसर को लाल सोना यानि रेड गोल्ड भी कहा जाता है. बाजार में आज के समय में 1 किलो केसर की कीमत 3 लाख रुपये तक हैं. केसर की फसल 7-8 महीने में तैयार हो जाती है. फसल पकने के बाद केसर के फूलों को तोड़कर सुखाया जाता है. सूखे केसर को छीलकर बाजार में बेचा जाता है.

केसर की खेती के दौरान किसान भाइयों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. केसर की खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. देश में केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में होती है. इसके खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी बढ़िया होती है. केसर के बीज बहुत छोटे होते हैं इसलिए इन्हें उगाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल करना होता है. साथ ही इसे अच्छे रखरखाव की भी आवश्यकता होती है. फसल को समय-समय पर खाद और उर्वरक की आवश्यकता रहती है. केसर की फसल में खरपतवार का होना नुकसानदायक होता है. इसलिए इनका नियंत्रण भी जरूरी है.

ये हैं जरूरी बातें

एक्सपर्ट्स के अनुसार केसर की खेती के लिए खेत की मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करें. मिट्टी को 2-3 बार जुताई करें और फिर उसे समतल कर दें. केसर के बीज को सितंबर-अक्टूबर में बोया जाता है. बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोना चाहिए. इसकी फसल को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है. खासतौर पर फूल आने के समय और फसल पकने के समय अधिक सिंचाई की जरूरत होती है. 

 ये पढे : Bihar में यहां बन रहा है फोरलेन हाईवे, इन जिलों के किसानों की हुई मौज