Sarso: सरसों की ये किस्में बनाएगी किसानों को अमीर, मिलेगा तगड़ा उत्पादन
Mustard Farming :देश में रबी की फसल की बुवाई का समय अब आ चुका है। धान, नरमा और कपास की फसल की कटाई हो जाने के बाद अब किसान रबी की फसल की बुवाई करने वाले हैं। रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं मानी जाती है। गेहूं के अलावा किसान सरसों, मटर और चना आदि की बुवाई करते हैं। सरसों की बुवाई करते समय किसान भाइयों को उन्नत किस्म के बीजों की जानकारी का होना अति जरूरी होता है। जानकारी के अभाव से किसानों को नुकसान उठाना लाजिमी है।
Advanced Mustard Varieties : धान की कटाई के साथ ही रबी की फसल बुवाई का सीजन भी शुरू हो गया है। यह सीजन गेहूं की फसल है। लेकिन किसान मटर, चना और सरसों भी बोते हैं। लेकिन सरसों की खेती करने वाले किसानों को उन्नत किस्म के बीज की जानकारी नहीं होने से बहुत नुकसान होता है। इसलिए, किस सरसों की बुवाई करने से पहले उन्नत किस्म का बीज चुनें। जिससे उच्च पैदावार और अधिक मुनाफा मिल सके। तो चलो कृषि विशेषज्ञ से पूछें कि सरसों की कौन सी उन्नत किस्में हैं।
खेत की गहरी जुताई बेहद जरूरी
रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी कृषि शिव शंकर वर्मा ने बताया कि गेहूं की बुवाई के साथ-साथ सरसों की बुवाई भी बड़ी मात्रा में की जाती है, जो रबी के सीजन में होता है। वह कहते हैं कि सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए खेत की गहरी जुताई बेहद जरूरी है ताकि वे अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें. इसके अलावा, सरसों की उन्नत किस्मों के बीज का चयन भी महत्वपूर्ण है।
इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है, जिससे पानी धारण करने की क्षमता बढ़ती है। जिससे खेत में सिंचाई के बाद अधिक समय तक नमी बनी रहती है। साथ ही किसान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरसों की फसल में जल जमाव नहीं होना चाहिए।क्योंकि जल जमाव होने पर सरसों की जड़े गलने लगती हैं जो फसल को खराब कर सकता है। किसानों को खेतों में उर्वरक और गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए ताकि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिले. इससे फसल की अच्छी पैदावार मिलती है।
सरसों की किस्में
शिव शंकर वर्मा ने कहा कि सरसों की खेती करने वाले किसानों का मानना है कि ये सरसों की किस्में (वरुणा, गिरिराज, पूसा गोल्ड, पीएम 32, RH 749, माया, पूसा जय किसान) अच्छी पैदावार देती हैं और कम समय में तैयार होती हैं।
शिव शंकर ने कहा कि जो भी किसान सरसों की खेती करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं। राजकीय कृषि केंद्र से सरसों की बीज 50% अनुदान पर प्राप्त कर सकता है। राजकीय कृषि केंद्र पर किसानों को सरसों की 2 किलोग्राम मिनी किट (बीज) भी मुफ्त मिल रहा है। इसके लिए किसान को आधार कार्ड, खतौनी और किसान पावती की प्रति अपने साथ लाना होगा। यह पूरी तरह से बायोमेट्रिक है और इससे पहले किसानों को निशुल्क बीज मिल चुका है। उन्हें इससे कोई फायदा नहीं मिलेगा।
