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UP: किसानों के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं हैं यह फूल, करवा देगा बल्ले-बल्ले, आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

इस बार उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ब्लू कॉर्न फूलों की खेती की जाएगी। किसानों ने इसके लिए तैयारी की। ब्लू कॉर्न फूलों की मांग ज्यादा बढ़ने के बाद किसान इस तरफ भूर अधिक आकर्षित भी हुए हैं।
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This flower is no less than a lifesaver for the farmers, it will make them happy, their economic condition will be strong.

हमीरपुर (UP): इस बार उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ब्लू कॉर्न फूलों की खेती की जाएगी। किसानों ने इसके लिए तैयारी की। ब्लू कॉर्न फूलों की मांग ज्यादा बढ़ने के बाद किसान इस तरफ भूर अधिक आकर्षित भी हुए हैं। कम लागत पर कई गुना मुनाफा देने वाली यह खेती ने किसानों को बहुत ज्यादा आकर्षित भी किया है। इस फसल ने किसानों का जीवन भी बदल दिया है। गावों में इन किसानों की खुशी देखकर अब कई लोगों ने ब्लू कॉर्न फूलों की खेती करने का विचार बनाया है।

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हमीरपुर जिले में हर वर्ष होने वाले परंरागत खेती में होने वाले भारी नुकसान के बाद अब कुछ अलग पर अधिक रुझान होने लगा है। अब किसानों ने दूसरी फसलों की खेती शुरू की है। जिले के राठ क्षेत्र के कई गांवों में, चिल्ली, गोहानी गिरवर सहित, किसानों ने ब्लू कॉर्न के फूलों की खेती शुरू की है। पिछले कुछ वर्षों में, बहुत से किसानों ने इसकी खेती करके अपना रास्ता ही बदल दिया है। राठ क्षेत्र के चिल्ली गांव निवासी रघुवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष एक एकड़ जमीन पर ब्लू कॉर्न के फूलों की खेती की थी, जिससे 2 लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ था।

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फूल तीन महीने में खिलने लगते हैं

खेतों में बोया गया ब्लू कॉर्न तीन महीने में ही खिलने लगता है। नीले रंग का फूल खिलता है। कुछ महीने बाद फूलों को काटकर सुखाया जाता है। इसके बाद इसे बोरियों में भरकर कंपनियों में बेचा जाता है। ब्लू कॉर्न की खेती बहुत कम खर्च करती है। परंरागत खेती से कई गुना अधिक आय होती है। गांववासियों का कहना है कि इस खेती ने उनका भाग्य बदल दिया है। आज उनका परिवार खुश है। रघुवीर सिंह ने बताया कि बड़े बेटे को खेतीबाड़ी से नीट की तैयारी कर रहे हैं।

ब्लू कॉर्न फूल बदलते हैं जीवन

रघुवीर सिंह, चिल्ली राठ, इस वर्ष ब्लू कॉर्न फूलों की खेती के लिए रकबा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। यह आने वाले सीजन में बोया जाएगा। उनका कहना था कि बहुत से किसानों ने गिरवर और गोहानी पनवाड़ी में ब्लू कॉर्न फूलों की खेती करने की तैयारी शुरू कर दी है। गोहानी के राजेंद्र सिंह ने बताया कि इसकी खेती पिछले सीजन में एक बीघे में हुई थी। सभी फूल बाहरी कंपनियों ने हमसे खरीद लिए थे। एक बीघे से लगभग दो क्विंटल फूल निकल सकते हैं।

गठिया का तेल उपचार

आत्म प्रकाश और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दिलीप त्रिपाठी बताते हैं कि विदेशी फूल ब्लू कॉर्न में औषधीय गुण होते हैं। इन फूलों का तेल गठिया को दूर करता है। हमीरपुर और महोबा में जिला उद्यान अधिकारी के पद पर कार्य कर चुके रमेश पाठक का कहना है कि ब्लू कॉर्न एक विदेशी फूल है, जिसे गौवंश भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसके फूल खेतों में नीले रंग के खिलते हैं। उन्हें बताया कि डिपार्टमेंट में अभी खेती की कोई स्कीम नहीं है, लेकिन खेती से किसानों की जिंदगी बदलने लगी है।