धान के बीजों में इस्तेमाल करें ये दवाई, अच्छी होगी फसल और रोग भी रुकेंगे
How To Prepare Paddy Nursery : वर्तमान में कुछ राज्यों में किसानों ने खरीफ धान की बुवाई की शुरुआत कर दी है। कई राज्यों में जून के अंत तक इसकी बुवाई की जाएगी।धान की नर्सरी तैयार करने के लिए जल-निकासी वाली दोमट मिट्टी और प्रमाणित बीजों का चयन करें। कृषि वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट ने सीजन की शुरुआत में किसानों के लिए सलाह जारी की है, जिन्हें अपनाकर किसानों को धान की खेती में काफी मदद मिल सकती है।

The Disease Will Not Come In The Crop : वर्तमान में कुछ राज्यों में किसानों ने खरीफ धान की बुवाई की शुरुआत कर दी है। कई राज्यों में जून के अंत तक इसकी बुवाई की जाएगी। ज्यादातर किसान धान की नर्सरी (पौधशाला) तैयार करने में लगे हैं। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट ने सीजन की शुरुआत में किसानों के लिए सलाह जारी की है, जिन्हें अपनाकर किसानों को धान की खेती में काफी मदद मिल सकती है। धान की नर्सरी बुआई के एक महीने पहले तैयारी की जाती है।
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि धान की खेती के लिए स्वस्थ और बीमारी से मुक्त नर्सरी तैयार करने के लिए किसानों को सही जल-निकासी और उच्च पोषक तत्वों से युक्त दोमट मिट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही पौधशाला की जगह सिंचाई के स्रोत के पास की चुननी चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों ने बीजों के चयन को लेकर भी किसानों को सलाह दी है कि वे इसमें सावधानी बरते और केवल आधारित और प्रमाणित बीजों का ही इस्तेमाल करें। ऐसे बीजों में पूर्ण जमाव, किस्म की शुद्धता और स्वस्थ होने की प्रमाणिकता होती है।
धान के बीज को कई तरह से उपचारित किया जा सकता है। धान की फसल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (BLB) नाम का रोग भी आता है, जिसकी रोकथाम के लिए पौध बुवाई से पहले बीज उपचार करना चाहिए। नर्सरी की बिजाई करते समय बेहतर जमाव होना भी जरूरी है। 20 किलोग्राम धान के बीज को उपचारित करने के लिए 25 लीटर पानी लेकर उसमें 40 से 50 ग्राम थियोफैनेट मिथाइल 70 WP (Thiophanate Methyl 70% WP) या फिर इतनी ही मात्रा में कार्बेन्डाजिम (Carbendazim) लेकर पानी में मिला दें।
इसके अलावा, बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (BLB) से फसल को बचाने के लिए इस स्ट्रिप्टोसाइक्लिन (Streptomycin Sulfate I।P।90%) का इस्तेमाल करें। 4 ग्राम स्ट्रिप्टोसाइक्लिन को पानी में डालने के बाद अच्छी तरह से घोलें और 20 किलो बीज को पानी छोड़ दें। धान के हल्के बीज तैयार कर ऊपर आ जाएंगे जिनको बाहर कर दें। बीज को 24 घंटे के लिए भीगा रहने दें। उसके बाद पानी से बाहर निकाल दें।
भीगे हुए बीज को छायादार स्थान पर रखें। उसके ऊपर भीगी हुई टाट की बोरी डालकर प्राप्त नमी बनाए रखें। ऐसा करने से धान का बीज अच्छी तरह से अंकुरित हो जाएगा। जब बीज अंकुरित हो जाए तब ही उसको खेत में बुवाई करें।