यूपी के किसानों के लिए योगी सरकार बड़ी राहत, मुआवजे के बाद गेहूं खरीद के लिए यह आदेश जारी

The Chopal, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश राज्य के किसानों के लिए बड़ी अच्छी खुशखबरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गेहूं खरीद नीति 2023- 24 को मंजूरी भी दे दी है. इस बार सरकार ने गेहूं खरीद के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. खास बात यह है कि इस रबी सीजन के लिए योगी सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. इससे लाखों किसानों को लाभ होगा.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने भी रबी सीजन 2023- 24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से MSP का ऐलान किया था. यही वजह है कि योगी कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. वहीं, कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद गेहूं खरीद के लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि किसानों से सीधे गेहूं खरीदने के लिए प्रदेश में पूरे 5,900 क्रय केंद्र भी बनाए जाएंगे.
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इन किसानों को गेहूं खरीद में अधिक दिया जाएगा महत्व
इस नए गेहूं खरीद नीति के तहत छोटो किसानों को अधिक फायदा होगा. 60 क्विंटल या उससे कम गेहूं बेचने वाले किसानों को खरीद में अधिक महत्व दिया जाएगा. संभागीय आयुक्तों को अपने- अपने संभागों के लिए नोडल अधिकारी भी सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है. वहीं, जिलाधिकारी को अपने-अपने जिलों के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है. यूपी में गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. गेहूं की खरीद सुबह नौ बजे शुरू होती, जोकि शाम छह बजे तक लगातार जारी रहेगी.
उत्तर प्रदेश में इन फसलों को हुआ ज्यादा नुकसान
बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान काफी प्रभावित हुए हैं. पिछले महीने रूक- रूक कर बारिश होने की वजह से 35,480 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई. इससे एक लाख से अधिक किसानों को नुकसान हुआ है. खास बात ये है कि बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद सरसों की फसल भी बहुत प्रभावित हुई है. हालांकि, राज्य सरकार ने फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे करने का आदेश भी दे दिया है. सर्वे रिपोर्ट आते ही किसानों को मुआवजा राशि सरकार द्वारा दी जाएगी. वहीं, इस बार बेमौसम बारिश से बागवानी फसलों को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि की वजह से 30 % से अधिक आम के टिकोले नहीं बर्बाद हो गए.