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Employees : राजस्थान के दो कर्मचारियों की पिछले 8 वर्षों की मेहनत अब रंग लाई, बना दिया नया रिकॉर्ड

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राजस्थान के दो कर्मचारियों की पिछले 8 वर्षों की मेहनत अब रंग लाई

THE CHOPAL- राजस्थान सरकार के 2 कर्मचारियों ने ग्रामीण छात्रों को हिंदी में अध्ययन सामग्री मुफ़्त उपलब्ध कराने के लिए 8 सालों मे 250 से ज्यादा मोबाइल एप्लिकेशन विकसित भी किए हैं। आपको बता दे की 'एप गुरु' के रूप में जाने जाने वाले सुरेंद्र तेतरवाल और सुरेश ओला को 2015 में उन छात्रों के लिए सीखने को आसान बनाने के लिए कार्य मिला, जिन्हें अपनी पसंदीदा भाषा हिंदी में ऑनलाइन अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई भी हो रही थी।

कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक-

सीकर जिले के रहने वाले तेतरवाल और ओला दोनों के पास कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री भी है। तेतरवाल जहां सेल्स टैक्स ऑफिसर भी हैं, वहीं ओला शिक्षा विभाग में हेडमास्टर भी हैं। छात्रों को बड़ी आसानी से शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए तेतरवाल और ओला के प्रयासों ने उन्हें पहचान दिलाई भी है और केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने उन्हें पुरस्कार प्रदान भी किए हैं। 

सम्मानित-

तेतरवाला और ओला को मिले प्रमुख पुरस्कारों में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार (2019), राज्य में शिक्षा के उन्नयन के लिए राज्य सरकार को मोबाइल एप दान करने के लिए राजस्थान भामाशाह शिक्षा विभूषण सम्मान और शिक्षा के क्षेत्र में मोबाइल एप द्वारा ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजस्थान ई-गवर्नेंस अवार्ड शामिल हैं।

खाली वक्त में विकसित किया मोबाइल एप्लिकेशन-

ओला ने कहा, "हमने इन मोबाइल एप्लिकेशन को सरकारी सेवा घंटों के बाद अपने खाली वक्त में विकसित भी किया। जब हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे थे, तो हमने पाया कि ग्रामीण छात्रों को हिंदी में अध्ययन सामग्री नहीं मिल पा रही थी। हमने सबसे पहले ब्लॉग पर सामग्री अपलोड की और बाद में 2015 में विषय-विशिष्ट मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करना शुरू किया।" 

कोविड महामारी को छात्रों को एप्स से हुआ फायदा-

तेतरवाल ने कहा, "हमारे मोबाइल एप्लिकेशन लाखों उपयोगकर्ताओं द्वारा डाउनलोड किए गए हैं और करोड़ों  पृष्ठ देखे गए हैं। कोविड महामारी के दौरान, छात्रों को इन ऐप्स से बहुत लाभ हुआ।'' उन्होंने कहा कि ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध हैं। 

शिक्षकों के लिए भी बनाया एप-

ओला ने कहा कि शिक्षा में आईसीटी के महत्व को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शिक्षक समुदाय के लिए एक मुफ्त, ओपन-सोर्स मोबाइल ऐप मेकर प्लेटफॉर्म - हाइपरलिंक भी बनाया है। इसकी मदद से हजारों शिक्षकों ने बिना किसी तकनीकी ज्ञान के अपने खुद के मोबाइल एप बनाकर शिक्षा के डिजिटलीकरण में योगदान दिया है। 

सर्वर शिफ्टिंग का चल रहा कार्य -

ओला ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म से ऑडियो, वीडियो, क्विज, नोट्स, कैलेंडर, रेडियो, चैटबॉट और अन्य सुविधाओं से संबंधित मोबाइल एप को ड्रैग एंड ड्रॉप विधि से बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "फिलहाल, सर्वर शिफ्टिंग का काम चल रहा है और अगले चार-पांच दिनों में प्लेटफॉर्म लाइव हो जाएगा।"