राजस्थान सरकार ने छात्रसंघ चुनावों पर लगाई रोक, लाखों स्टूडेंट्स नहीं डाल पाएंगे वोट

The Chopal - राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पर पिछले कई दिनों से मंडरा रहे काले बादल ने आख़िरकार बुरी खबर लेकर आए हैं। गहलोत सरकार ने इस साल के राजस्थान में होने वाले छात्र संघ चुनावों पर रोक लगा दी गई है। रात में उच्च शिक्षा विभाग ने 400 सरकारी और 500 से ज्यादा निजी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों पर प्रतिबंध लगाया है, इससे प्रदेश के 6 लाख से ज्यादा विद्यार्थी इस बार मतदान कर सकेंगे। सरकार के इस निर्णय से छात्र संगठनों में व्यापक आक्रोश है और राज्य भर में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।
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राजस्थान छात्र संघ चुनावों पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया?
उच्च शिक्षा विभाग ने शनिवार को छात्रसंघ चुनाव पर चर्चा की। जिसमें राज्य भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी में चल रही एडमिशन और रिजल्ट प्रक्रिया का हवाला देकर छात्रसंघ चुनावों को इस साल नहीं कराने का निर्णय लिया। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बताया कि छात्रसंघ चुनावों में धनबल और बाहुबली का खुलकर उपयोग किया जा रहा है, जो लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन करता है। यदि चुनाव होते हैं तो पढ़ाई प्रभावित होगी और सेमेस्टर प्रणाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू नहीं होगी। इसलिए छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय हुआ है।
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विद्यार्थियों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बहुत कम काम किया
छात्र नेता हरफूल चौधरी ने कहा कि आरयू में इस साल भी एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, जिसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन जिम्मेदार है, लेकिन आम छात्रों को परिणाम भुगतना पड़ेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, जिसे सरकार ने छात्रसंघ चुनाव नहीं करने का निर्णय लिया था, 2020 से लागू होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज तक लागू नहीं हो पाई है. इसलिए, यह अब कैसे लागू होगा? यह छात्र को बर्दाश्त नहीं होगा।
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