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Rajasthan Smart Village: राजस्थान के धोरों में एक गांव ऐसा भी, जिसकी स्मार्टनेस के आगे बड़ी बड़ी सिटी भी फेल

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धोरों में एक गांव ऐसा भी, जिसकी स्मार्टनेस के आगे बड़ी बड़ी सिटी भी पीछे

THE CHOPAL :भारत सरकार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण जीवन को भी पूरा ध्यान में रखते हुए कई कदम भी उठा रही है। लेकिन क्या आपको पता हैं की भारत में एक स्मार्ट गांव तो पहले से ही है, जिसका उदाहरण अब पूरी दुनिया में दिया जाता है। आपको बता दे की राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित धौला गांव जिसे भारत देश के पहले स्मार्ट गांव के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं, इस गांव की अद्भुत कहानी के बारे में, आखिर कैसे ये जगह स्मार्ट गांव बना।

​राजस्थान के धौलपुर जिले में है ये गांव -

बात करे राजस्थान के शहरों की तो वो जितने हसीन  हैं, उतना ही खूबसूरत यहां का एक गांव भी है, जिसे स्मार्ट गांव के नाम से भी जाना जाता है। बता दे की  धौलपुर जिले का धनौरा भारत का पहला स्मार्ट विलेज भी है, जो अपने एडवांस विकास के लिए काफी फेमस भी है। इस शहर जगह-जगह पर लगे हरे-भरे पेड़, सोलर स्ट्रीट लाइट, खूबसूरत रंग में चित्रित ईटों से बने घर, एक स्किल्ड विकास सेंटर, मेडिटेशन सेंटर और यहां तक की पब्लिक लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं भी यहां मौजूद हैं। साफ सुथरी सड़कों को तो देख यकीनन आपको इस जगह से प्यार हो जाएगा। धनौरा गांव जिला मुख्यालय से करीबन 30 किमी की दूरी पर मौजूद है। गांव की आबादी 2 हजार के करीब है। खुशी की बात तो ये है, धनौरा गांव को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

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​गांव में बनाई गई है नहर - 

धनौरा गांव मॉडल को राज्य और देश की ग्राम पंचायत ने एक विकास मॉडल के रूप में अपनाया है। इस गांव को मोदी जी ने भी सम्मानित किया हुआ है। गांव को शहर की तरह बनाने के लिए यहां सीमेंट सड़कें हैं। यही नहीं गांव के लोगों का कहना है कि यहां एक नहर भी बनाई गई है, जिसे सभी खेतों से जोड़ा गया है। इस नहर की लंबाई करीबन ढाई किमी है।

​आधुनिक शौचालय से लैस है ये गांव - 

यहां घरों और स्कूलों में मॉडर्न टॉयलेट बनाए गए हैं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है, परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां छात्रों के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट भी मौजूद है। और तो और बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए यहां कम्प्यूटर लैब भी बनाया गया है। शायद हमारी तरह ये सब सुनकर आप भी हैरान रह गए होंगे, लेकिन ये सच है। जयपुर के आसपास जाने का जब भी मौका मिले, एक बार धनौरा गांव भी जरूर देखें।

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​पहले गांव में नहीं था ये सब कुछ - 

अगर आप ये सोच रहे हैं कि इस गांव में पहले से सब कुछ था, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बल्कि इस गांव की दशा 2014 से पहले काफी दयनीय थी। यहां सड़कें टूटी रहती थी, उस दौरान बिजली में भी कटौती होती थी, तब गांव वालों को टॉयलेट, पानी जैसी रोजगार की सुविधाएं भी सही से नहीं मिल पाती थी। लेकिन गांव को इस मॉडर्न स्थिति तक पहुंचाने में जिला प्रशासन, कई एनजीओ, गांव के सरपंच और कई प्रतिनिधियों का हाथ रहा है।

गांव है शराब मुक्त -

किसी गांव में आपने शायद ही ये चीज देखी होगी, जहां अपराध की घटनाएं न हो या फिर शराब का सेवन न किया जाता हो। लेकिन शायद हर गांव को धनौरा गांव से कुछ सीखना चाहिए, ये ग्रामीण जगह शराब मुक्त है, साथ ही यहां एक भी चोरी-चकारी जैसी घटना नहीं देखी जाती। धनौरा गांव जयपुर से करीबन 248 किमी दूर है, यहां के पास के रेलवे स्टेशन से आप आराम से इस गांव तक पहुंच सकते हैं।

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