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Rajasthan Weather: राजस्थान में बारिश के बाद इन 11 जिलों में ठंड का अलर्ट, इन इलाकों में पारा लुढ़का

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The Chopal, जयपुर:  राजस्थान में बारिश और ओलों के बाद शीतलहर जारी है। पूरे प्रदेश में बारिश के बाद पारा गिरने से ठिठुरन बढ़ गई है तो दूसरी ओर मौसम विभाग ने कोहरे के साथ शीतलहर का अलर्ट भी जारी किया है। अब मौसम विभाग की मानें तो आगामी 48 घंटों तक तेज उत्तरी हवाओं के प्रभावी होने से कुछ स्थानों पर कोहरे में कमी और न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक गिरावट भी आ सकती है. साथ ही विभाग ने आगे मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले 48 घंटों में 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तरी हवाएं भी चलेगी। मौसम साफ रहने की वजह से कोहरे में भी कमी आएगी। तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट होगी। जबकि प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में तापमान शून्य तक एक बार फिर पहुंच गया है। 

राजधानी जयपुर में मौसम साफ

राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में आसमान भी साफ नजर आए। दिन में धूप देखने को मिली तो कई जगहों पर घने कोहरे भी छाए रहे. हालांकि तेज ठंड पड़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त होता भी नजर आ रहा है. इधर, सर्दी से बचाव के लिए लोग हीटर और अलाव का सहारा भी ले रहे हैं। प्रदेश में न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 11.1 डिग्री सेल्सियस तक , भीलवाड़ा में 12.6 डिग्री सेल्सियस तक , वनस्थली में 11.5 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 11 डिग्री सेल्सियस तक , जयपुर में 11.1 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 11.7 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 11 डिग्री सेल्सियस तक , कोटा में 11.7 डिग्री सेल्सियस तक , बूंदी में 11.2 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 13 डिग्री सेल्सियस तक , डबोक में 14.6 डिग्री सेल्सियस तक , बाड़मेर में 11.5 डिग्री सेल्सियस, पाली में 6.4 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 7.5 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 12 डिग्री सेल्सियस तक रहा।

मावठ से रबी की फसलों को भी हुआ नुकसान 

मावठ की तेज बारिश की वजह से रबी की फसलों को नुकसान को हुआ है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरसों और गेहूं की फसल खराब भी हो गई है। ओलावृष्टि और अंधड़ से रबी की फसलों में काफी नुकसान हो गया। विभिन्न जिलों में गत दो दिनों हुई बेमौसम बारिश और बारिश के साथ चली तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसलें चौपट हो गई है। हालांकि, राज्य सरकार ने गिरदावरी करने के निर्देश भी दिए है। ताकि किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा मिल सके। 

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