Sarso MSP: सरकारी सरसों खरीद में राजस्थान पिछड़ा, इस राज्य के किसानों से बाजी मारी, खातों में आयेंगे इतने करोड़ रुपये

The Chopal, जयपुर: इससे पहले किसान खुद मंडियों में जाकर व्यापारियों के हाथ MSP से महंगे रेट पर सरसों को बेचा करते थे. अभी तक कुल 84914 किसानों ने MSP पर सरसों बेचा है. इसके बदले उनके खाते में 922.24 रुपये तक पहुंच गए हैं. अब धीरे- धीरे सरसों खरीद केंद्रों पर किसानों की संख्या भी बढ़ रही है. दरअसल, बेमौसम बारिश की वजह से राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई तिलहन उपादक राज्यों में फसल की कटाई में भी देरी हो गई थी. वहीं, बारिश से सरसों की फसल को भी नुकसान भी पहुंचा है.
यह भी पढ़ें: NCDEX में लॉन्च के दूसरे दिन इसबगोल में लगा अपर सर्किट, जानकारों मुताबिक भाव जायेंगे 33000 तक
हरियाणा में बीती 20 मार्च से सरसों की खरीद चालू है
देश में राजस्थान सरसों का सबसे अधिक उत्पादन करता है. लेकिन इस बार हरियाणा सरसों की खरीदी मामले में राजस्थान से भी आगे है. नाफेड ने अभी तक हरियाणा में 139226.38 मिट्रिक टन तक सरसों की खरीदी भी की है. ऐसे भी हरियाणा देश के कुल उत्पादन तक का अकेले 13.5 % सरसों का प्रोडक्शन करता है. इसके एवज में किसानों को 758.78 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं. खास बात यह है कि हरियाणा में पिछले 20 मार्च से सरसों की खरीद भी चालू है.
9977.74 मीट्रिक टन सरसों की MSP पर हुई खरीद
नाफेड ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सरसों का MSP रेट 5450 रुपये प्रति क्विंटल तक निर्धारित किया है. बात अगर राजस्थान की करें तो यह देश का अलहदा भी राज्य है, जो अकेले 42 % तक सरसों का उत्पादन करता है. इसके बावजूद भी राजस्थान में अभी तक 4708.40 मिट्रिक टन ही सरसों की सरकारी खरीद हो पाई है. वहीं, सरसों उत्पादन में मध्य प्रदेश भी अब पीछे नहीं है. यह 12 % सरसों का उत्पादन करता है. MSP में अभी तक 9977.74 मीट्रिक टन तक सरसों की खरीदी हुई है. इसके बाद 4.2 % सरसों को प्रडक्शन गुजरात करता है.
रोजाना मंडी भाव ताजा और तुरंत पाने के लिए यहाँ टच कर व्हाट्सप्प माध्यम से जुड़े