किसानों के लिए ये खेती बनेगी कुबेर का खजाना, नहीं पड़ेगी खाद व पानी की जरूरत, बनेगे मालामाल

Cultivation of Sanai : भारत में बड़े स्तर पर खेती बाड़ी और पशुपालन से लोग गुजारा करते हैं। सनई की खेती करने से किसान बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा सकते हैं। यह खेती में बहुत कम खर्च करता है और बहुत कम समय में तैयार होता है। इस खेती को खाद पानी भी नहीं चाहिए।

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किसानों के लिए ये खेती बनेगी कुबेर का खजाना, नहीं पड़ेगी खाद व पानी की जरूरत, बनेगे मालामाल

The  Chopal : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सनई की खेती से लाखों रुपये की कमाई हो रही है। सनई के फूल से लेकर पत्ते और तने तक किसान बहुत पैसे कमाते हैं। सनई की खेती के लिए गर्म नम हवा चाहिए। फसल उत्पादन अवधि में 40-45 सेमी। वर्षा अच्छी है। सनई की फसल के लिए दोमट मिट्टी और बलुई दोमट उपयुक्त हैं। पहली बार मिट्टी पलटने वाले हल का उपयोग करें। सनई की खेती के लिए सबसे अच्छी रेतीली मिट्टी या चिकनी मिट्टी होती है। विशेष रूप से, इस खेती में कोई खर्च नहीं है। इसमें खाद पानी भी नहीं चाहिए।

मिट्टी को भुरभुरा करती

इसकी खेती के लिए खेत में गहरी जुताई लगातार मिट्टी को भुरभुरा करती है। फिर खेतों को पाटा से ढंक दिया जाता है। सनई की खेती खरीफ सीजन की फसलों से पहले की जाती है और अप्रैल से जुलाई तक बीजों को खेत में छिड़क दिया जाता है।  यह तेज वृद्धि और मूसल जड़ वाली फसल है, जो खरपतवार को दबा सकती है। बुवाई के 40-50 दिन बाद इसे फिर से खेत में डाल देते हैं। सनई की फसल से प्रति हेक्टेयर 85-125 किग्रा. नाइट्रोजन और 20-30 टन हरा पदार्थ मिलता है। शैलेष सनई और अंकुर स्वास्तिक अच्छी प्रजातियां हैं। यह फसल बहुत कम दिनों में अच्छा मुनाफा देती है। इसकी उत्पादकता कम दिनों में होने की वजह से यह यहां के किसानों में बहुत तेजी से प्रचलित होती जा रही है और अच्छी कमाई का जरिया भी बन रही है.

किसानों की मोटी कमाई

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में किसान खेती की देखभाल बच्चे की तरह कर रहे हैं। नई तकनीक से खेती करने वाले किसानों की मोटी कमाई इसका सीधा कारण है। किसान खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी माली हालत को भी सुधारने पर जोर दे रहे हैं। खेत को जड़ से ही सुधारते हुए सबसे अच्छी फसल ले रहे हैं। जिसमें सनई खेती एक वरदान बन गई है। यह खेती जड़ से फूल तक भारी मुनाफा देती है।

क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ बलवंत कुशवाहा ने खास बातचीत में कहा कि सनई की खेती किसानों को बहुत फायदा दे रही है। इस खेती से अच्छा मुनाफा मिलता है और कोई लागत नहीं होती। खेत की जुताई कराकर इसे बो देना ही पर्याप्त है। खास बात यह है कि इसके आसपास कोई घास नहीं होता। यह बाहुबली की तरह हमारे आसपास से सबको दूर करता है और कई तरह से हमारे लिए अच्छा होता है। इसे बाजार में भी उचित मूल्य मिलता है। यह सिर्फ सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा जा सकता। व्यवसाई इसकी अच्छी कीमत दे जाते हैं.