Wheat Variety: वैज्ञानिकों ने तैयार की गेहूं की नई किस्म, देगी बंपर उत्पादन, हर तरह का सहन करेगी तापमान
New Wheat Variety :देश में अक्टूबर के आखिरी तक गेहूं रबी सीजन की शुरुआत हो जाती है। रबी सीजन में किसान गेहूं की बुवाई अत्यधिक करते हैं। इसलिए गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा गेहूं की एक नई किस्म तैयार की गई है। यह बीज बदलती जलवायु तथा तापमान में बेहतरीन उपज देने में सक्षम है। इस वैरायटी के पौधे में मजबूती तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है।
Wheat High Yields Variety : भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां सीजन के हिसाब से सभी तरह की फसलों की बुवाई की जाती है। फिलहाल खरीफ सीजन का अंतिम दौर चल रहा है। इसके बाद रबी सीजन की फसलों की बुवाई की जाएगी। जिसमें गेहूं मुख्य फसल है। देश में नवंबर के आखिरी तक किसान गेहूं की बुवाई शुरू कर देते हैं। यहां अनको राज्यों में बड़े पैमाने पर गेहूं की बुवाई की जाती है। इसलिए किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल ने किसानों के लिए गेहूं का नया बीज तैयार किया है। जो बदलते मौसम और जलवायु में बेहतर उपज देने में सक्षम है।
वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की तैयार की गई नई किस्म HD-3385 बदलती जलवायु और तापमान में बेहतरीन उपज देने में सक्षम है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह किस्म न केवल उपज देती है इसके पौधे में मजबूती और रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है। कई बार बे मौसम बारिश की वजह से पकाव के समय फसल जमीन पर गिर जाती है, जिस वजह से उत्पादन में काफी गिरावट आ जाती है। इस वैरायटी के पौधे में मजबूती होने की वजह से यह जल्दी जमीन पर नहीं गिरता है।
वैज्ञानिकों द्वारा शोध कर तैयार की गई HD 3385 किसम किसानों के लिए बेहद कारगर साबित होगी। जल्द ही इस किस्म को भारत के सभी गेहूं उत्पादक राज्यों में प्रसारित कर दिया जाएगा। यह किम अपनी उत्पादकता और विशेष गुणो के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है। यह वैरायटी उच्च तापमान का सामना कर भी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है। इसकी सामने उत्तर भारत के सभी प्रशिक्षण स्थान पर किए गए ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन किया है।
यह वैरायटी देती है अत्यधिक उत्पादन
प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर यादव ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि गेहूं की सभी किसमो को समय से बुवाई के लिए रात का तापमान 16 से 20 डिग्री सेल्सियस तथा दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस बेहतर माना गया है। उन्होंने बताया उत्तर भारत के राज्य पंजाब हरियाणा दिल्ली एनसीआर और पश्चिम उत्तर में HD -3385 किस्म की समय पर बुवाई कर ली जाए तो यह प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक का उत्पादन देने में सक्षम है।
जलवायु अनुकूल वैरियटयों पर जोर
डॉ यादव ने बताया कि बदलते मौसम के प्रभाव से निपटने में गेहूं की जलवायु अनुकूल किस्म के विकास पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इस किस्म की दिशा में यह अहम कदम है। उन्होंने बताया कि HD-3385 बीज पछेती बुवाई पर भी अच्छी उपज देता है। पिछले वर्षों में देखा गया कि गेहूं के लिए अनुकूल मौसम की अवधि कम होती जा रही है, जिससे सर्दी के दिनों का दायरा घटता जा रहा है। इस वजह से गेहूं की जलवायु अनुकूल किस्म का विकास किया जा रहा है। जिससे गेहूं के उत्पादन में गिरावट की कोई संभावना न हो।