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खाने के पैकेट पर ‘ख़ुश रहिए’ लिखने वाले बच्चे के बारे में पढ़िए कुछ खास, पहले करता था यह काम,

कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो जिसमें एक बच्चा भोजन के हर पैकेट पर खुश रहिए लिख रहा है. उस फोटो को भी सोशल मिडिया पर काफी लोगों ने शेयर किया था. वह जालंधर का नहीं बल्कि हरियाणा के जिला फरीदाबाद के एनआईटी एक का रहने वाला है. सवा पांच साल
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खाने के पैकेट पर ‘ख़ुश रहिए’ लिखने वाले बच्चे के बारे में पढ़िए कुछ खास, पहले करता था यह काम,

कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो जिसमें एक बच्चा भोजन के हर पैकेट पर खुश रहिए लिख रहा है. उस फोटो को भी सोशल मिडिया पर काफी लोगों ने शेयर किया था. वह जालंधर का नहीं बल्कि हरियाणा के जिला फरीदाबाद के एनआईटी एक का रहने वाला है. सवा पांच साल के इस बच्चे के पिता सचिन भाटिया मोबाइल की दुकान चलाते हैं. जबकि मां जान्हवीं भाटिया कोरोना मरीजों के लिए खाना बनाती हैं. सवा 5 साल का नैरित हर पैकेट पर स्केज पेन से खुश रहिए लिखता है. ये जानकारी पूर्व रणजी खिलाड़ी संजय भाटिया ने दी. अभी तक ये तस्वीर जालंधर की बताई जा रही थी.

खाने के पैकेट पर ‘ख़ुश रहिए’ लिखने वाले बच्चे के बारे में पढ़िए कुछ खास, पहले करता था यह काम,उन्होंने बताया कि एनआईटी एक निवासी सचिन भाटिया मोबाइल दुकान चलाते हैं. लॉकडाउन के कारण दुकान बंद है. इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए घर-घर भोजन पहुंचाने के बारे में सोचा. वह कई दिनों तक खाना लेकर बाहर जाते रहे. इन्हें देखकर सवा पांच साल का नैरित भी बाहर जाने की जिद करने लगा, लेकिन उसे समझाकर मना कर दिया. फिर नैरित ने मां जान्हवीं के द्वारा बनाए गए भोजन के हर पैकेट पर मोजी बनाने के साथ-साथ खुश रहिए लिखना शुरू कर दिया. सचिन के किसी दोस्त ने उसकी फोटो और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. बच्चे के पिता सचिन का कहना है कि वह ट्यूशन जाता है. उसे हिंदी लिखनी आती है. वहीं परिवार के लोगों ने कहा तो वह खाने के पैकेट पर लिखने लगा.

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