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राहत की ख़बर- सरकार ने 80 से ज्यादा दवाओं के घटाए दाम, जानें सूची,

दिल्ली– केंद्र सरकार द्वारा 80 जरूरी दवाओं को एक लेकर एक जरूरी फैसला लिया हैं. बता दे कि नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने 80 से ज्यादा दवाओं को प्राइस रेगुलेशन के अंदर कर दिया है. माना जा रहा है कि इससे इन दवाओं के दाम कम हो जाएंगे. एनपीपीए द्वारा 81 दवाओं की कीमत तय
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राहत की ख़बर- सरकार ने 80 से ज्यादा दवाओं के घटाए दाम, जानें सूची,

दिल्ली– केंद्र सरकार द्वारा 80 जरूरी दवाओं को एक लेकर एक जरूरी फैसला लिया हैं. बता दे कि नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने 80 से ज्यादा दवाओं को प्राइस रेगुलेशन के अंदर कर दिया है. माना जा रहा है कि इससे इन दवाओं के दाम कम हो जाएंगे. एनपीपीए द्वारा 81 दवाओं की कीमत तय की है, जिसमें ऑफ-पेटेंट एंटी-डायबिटिक ड्रग्स शामिल हैं. इन दवाओं में डायबिटीज, इंफेक्शन और थायरायड जैसी बिमारियों के प्रयोग में आने वाली दवाइंयों के नाम शामिल है.

राहत की ख़बर- सरकार ने 80 से ज्यादा दवाओं के घटाए दाम, जानें सूची,आपको बता दें कि पेंटेट ब्रांडेड दवाओं की कीमत कंपनियां द्वारा तय की जाती है वहीं जेनेरिक दवाओं की कीमत को तय करने में सरकार का हस्तक्षेप रहता है. WHOके मुताबिक, डॉक्टर्स अगर मरीजों को जेनेरिक दवाएं प्रिस्क्राइब करें तो विकसित देशों में स्वास्थय खर्च 70 फीसदी और विकासशील देशों में और भी अधिक कम हो सकता है.

क्या लिया है सरकार ने का फैसला – नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी(NPPA) ने मरीजों को पेटेंट समाप्त होने का लाभ देने के लिए बिना पेटेंट वाली डायबिटीज सहित 81 दवाओं की कीमत को तय कर दिया है

अब ये दवाएं कैसे भी होंगी सस्ती – आपको बता दें कि जब कोई कंपनी बीमारियों के इलाज के लिए रिसर्च के बाद एक साल्ट तैयार किया जाता है जिसे दवा की शक्ल दे दी जाती है. इस साल्ट को हर दवा कंपनी द्वारा अलग-अलग नामों से बेची जाती है.

कोई कंपनी इसे महंगे दामों में बेचती है तो कोई सस्ते दामों मे, परंतु इस साल्ट का जेनेरिक नाम साल्ट के कंपोजिशन और बीमारी का ध्यान रखते हुए एक विशेष समिति निर्धारित करती है . किसी भी साल्ट का जेनेरिक नाम पूरी दुनिया में एक ही होता है. आपका डॉक्टर जो दवा आपको लिखकर देता है उसी साल्ट की जेनेरिक दवा आपको बहुत सस्ते में मिल जाती है . महंगी दवा और उसी साल्ट की जेनेरिक दवा की कीमत में कम से कम पांच से दस गुना का अंतर होता है, कई बार जेनेरिक दवाओं और ब्रांडेड दवाओं की कीमतों में 80-90 फीसदी तक कम होती है .

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