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एक ऐसी नदी जिसमें नहाने से होता है पाप, हो जाता है मोक्ष द्वार बंद, जानिए रहस्यमयी कहानी

Chambal Ki Kahani: एमपी और राजस्थान की चंबल नदी से जुड़े इस रहस्य के बारे में क्या आप जानते हैं आप?

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The Chopal. मध्य प्रदेश के बारे में अजब गजब कहानियाँ आपने सुनी होगी. यह राज्य प्राकृतिक सुंदरता और देश के शानदार पर्यटन स्थानों में से एक है. यहां की नदियां, पहाड़, झरने, मंदिर सब कुछ मन को भा जाने वाले हैं. यहीं पर नर्मदा नदी भी बहती है, शास्त्रों में जिसे देखने मात्र से पुण्य-लाभ की प्राप्ति माना जाता है.

परंतु क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में एक नदी ऐसी भी है, जिसमें नहाने भी पाप माना जाता है? श्रीमद् भागवत में वर्णित तथ्यों के अनुसार एमपी में बहने वाली चंबल नदी, देश की शापित नदियों में से एक मानी जाती है, जिसमें नहाने से मानव अपवित्र होता है. इसलिए चंबल नदी में स्नान करना पाप का भागी बनने का कारण माना जाता है.

यमुना नदी की सहायक नदियों में से एक चंबल नदी का उद्गम विंध्य पर्वत है. एमपी के कई जिलों और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बहते हुए चंबल नदी यमुना में समा जाती है. मध्य प्रदेश में महू से निकलकर यह नदी धार, उज्जैन, रतलाम, भिंड और उससे सटे राजस्थान के कोटा व धौलपुर होते हुए यमुना में जा मिलती है.

शास्त्रों के मुताबिक, इस नदी का उद्गम जानवरों के खून से हुआ माना जाता है. कथा है कि राजा रंतिदेव ने हजारों यज्ञ व अनुष्ठान किए गए थे. इन यज्ञों व अनुष्ठानों में निर्दोष पशुओं की बलि देते थे. इन्हीं पशुओं के रक्त और बची हुई पूजन सामग्री से चर्मण्यवती यानी चंबल नदी का उद्गम माना जाता है.

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