UP के इस शहर में बनेगा विरासत गलियारा, सरकार का यह है प्लान
THE CHOPAL - सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि वे पुराने गोरखपुर शहर को 'विरासत गलियारा' के रूप में विकसित करें। इस प्रोजेक्ट का केंद्रीय आकर्षण घंटाघर होगा, जहां अमर शहीद बिस्मिल को फांसी के बाद उनकी मां ने लोगों को संबोधित किया था। यहीं से होली पर नृसिंह शोभायात्रा निकलती है और दशहरे पर राघव-शक्ति मिलन का भी साक्षी यहीं बनता है।
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हाल ही में गोरखपुर के दौरे पर मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ बैठक की थी और उन्होंने इस विषय पर निर्देश दिए थे। इसके परिणामस्वरूप काम शुरू हो गया है। पहले इस प्रोजेक्ट के तहत बिजली का काम होगा। सड़क से ट्रांसफार्मर-खंभे हटाए जाएंगे और तारों का जाल हटाकर भूमिगत केबल से बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बिजली निगम ने प्रस्ताव तैयार किया है और इसे नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को सौंप दिया है। विरासत गलियारा की सड़कें चौड़ी की जाएंगी और आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी।
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यह प्रोजेक्ट गोरखपुर के पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके स्थानीय ऐतिहासिक महत्व को भी संवारेगा। इससे इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी और पर्यटकों को इसे देखने का अवसर मिलेगा।
शहादत का साक्षी है घंटाघर
शहादत का साक्षी होने के कारण घंटाघर एक महत्वपूर्ण स्मारक स्थल है। यहां परम्परागत रूप से अमर शहीद बंधू सिंह की उपस्थिति है, जिन्हें अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में फांसी दी गई थी। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संगाम के दौरान, घंटाघर के पास स्थित पाकड़ के पेड़ से अली हसन के साथ दर्जनों स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई थी। इसके अलावा, अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की शवयात्रा भी घंटाघर में रुकी थी, जब उन्हें 1927 में जिला कारागार में फांसी दी गई थी।
ये काम भी कराए जाएंगे
इस प्रोजेक्ट के तहत भी कई कार्य किए जाएंगे। पहले चरण में, बिजली के काम पूरे होने के बाद, रूट पर स्थित मोहल्लों का सुंदरीकरण किया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम के साथ सांस्कृतिक पहचान से जुड़े स्थलों को सजाया जाएगा। घंटाघर का पुनर्निर्माण लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से होगा। यहां परदे के आलोकित किए जाएंगे और चौक की विस्तारित होगी। इसके साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
