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खड़ी फसल का पता लगाने के लिए टीम का गठन , अगर नहीं मिला ब्यौरा तो नहीं होगी खरीद

हरियाणा –आपको बता दे की अब कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों की टीमें भी सर्वे करने के लिए आगे आना सुरू हो गई है . टीम का मुख्य कार्य खेतों मे खड़ी फसल को सही -2 पोर्टल पर अपलोड करना है . इससे पहले पटवारी भी पोर्टल पर सर्वे अपलोड कर चुके है .
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खड़ी फसल का पता लगाने के लिए टीम का गठन , अगर नहीं मिला ब्यौरा तो नहीं होगी खरीद

हरियाणा –आपको बता दे की अब कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों की टीमें भी सर्वे करने के लिए आगे आना सुरू हो गई है . टीम का मुख्य कार्य खेतों मे खड़ी फसल को सही -2 पोर्टल पर अपलोड करना है . इससे पहले पटवारी भी पोर्टल पर सर्वे अपलोड कर चुके है . इस टीम द्वारा खेतों मे खड़ी सही फसल की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना है और पटवारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की सही प्रकार से जांच की जा सके, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े .

खड़ी फसल का पता लगाने के लिए टीम का गठन , अगर नहीं मिला ब्यौरा तो नहीं होगी खरीदकिसानों  की फसल को इसी जानकारी के आधार पर खरीद जाएगा और इससे जरूरी है की फसल का रेजिस्ट्रैशन मेरी फसल मेरा ब्योरा पर होना चाहिए . जिसका पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होगा उसकी फसल को भी नहीं खरीदा जाएगा. किसानों द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किए गए रिकॉर्ड का मिलान पटवारियों द्वारा अपलोड किए गए रिकॉर्ड से किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि पिछली बार ऐसा हुआ था कि पटवारियों ने रिकॉर्ड में कोई फसल थी और किसानों ने खेतों में कुछ और ही फसल होने का ऑनलाइन पंजीकरण करवाया हुआ था. इसलिए फसलों को बेचने में किसानों को काफी परेशानी हुई थी. फसलें बेचने के लिए किसान इधर उधर धक्के खाते रहे. अब फिर से इस प्रकार की कोई समस्या ना हो इसलिए ग्राम सचिव, नंबरदार, सिंचाई विभाग, पंचायती राज विभाग एवं कृषि विभाग आदि की टीमों का गठन किया गया है, जो हर गांव गांव में खेतों का सर्वे करने के लिए जाएगी.

आपको बता दे कि सर्वे में जो फसलें मिलेगी उसका रेजिस्ट्रैशन मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करना होगा . जिससे फसलों को बेचने के लिए किसानों को कठिनाई ना उठानी पड़े. विभाग ने इसके लिए टीमों को ट्रेनिंग भी दी है. इस ट्रेनिंग में टीम को यह जानकारी डी गई कि सर्वे के दौरान पोर्टल पर किस प्रकार से रिकॉर्ड को अपलोड करना है.

डीडीए इंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए कहा है कि खेतों में खड़ी फसलों का सर्वे करने हेतु टीमें बनाई गई है. यह टीमें खेतों में जाकर फसलों का सर्वे करेगी और इसकी जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करेगी. यदि टीम द्वारा तैयार किए गए रिकॉर्ड और पटवारी द्वारा दर्ज किए गए रिकॉर्ड में अंतर मिलता है, तो उसे भी ठीक कर दिया जाएगा. इसके साथ ही इस पर उपायुक्त द्वारा कार्यवाही भी होगी.

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