आधार की अब इन कामों के लिए जरुरत नहीं पड़ेगी, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर आवश्यकता को किया खत्म,

भारत में आज के वक्त में आधार एक भारतीय नागरिक के लिए सबसे जरूरी कागजात बन चूका है. आज सरकार के हर आवश्यकध्अनिवार्य काम के लिए आधार होना पहली शर्त है. परंतु अब भी बहुत से लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है. ऐसे में वे इस कमी के चलते आवश्यक सेवाओं से वंचित हो
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आधार की अब इन कामों के लिए जरुरत नहीं पड़ेगी, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर आवश्यकता को किया खत्म,

भारत में आज के वक्त में आधार एक भारतीय नागरिक के लिए सबसे जरूरी कागजात बन चूका है. आज सरकार के हर आवश्यकध्अनिवार्य काम के लिए आधार होना पहली शर्त है. परंतु अब भी बहुत से लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है. ऐसे में वे इस कमी के चलते आवश्यक सेवाओं से वंचित हो जाते हैं. इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने आधार को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने कुछ कामों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. सरकार द्वारा जारी ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार अब पेंशनधारकों को अपना जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं होगा.

आधार की अब इन कामों के लिए जरुरत नहीं पड़ेगी, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर आवश्यकता को किया खत्म,वहीं बता दें अभी तक अपने जीवन प्रमाणपत्र को दाखिल करने के लिए आधार की कॉपी जमा करानी अनिवार्य होती थी. सरकार ने इस दिक्कत को समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही मैसेजिंग सॉल्यूशन संदेश और सरकारी दफ्तरों के बायोमीट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम के लिए भी अब आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी. देश के करोड़ों पेंशन भोगियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी है. अब सरकार ने आधार को अनिवार्य शर्त से बदलकर स्वैच्छिक कर दिया गया है. यानी की आप आधार की जानकारी दें देना चाहे तो दें नहीं तो आवश्यकता नहीं. इस नियम के स्वैच्छिक होने से पेंशनर्स की बड़ी समस्याओं का समाधान हो गया है. इसका फायदा उन पेंशन धारकों को होगा जिनके आधार बायोमेट्रिक अपडेट नहीं है और हर साल इसके लिए उन्हें भाग-दौड़ करनी होती है.

वहीं अब सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए संदेस (ऐप) एप्लीकेशन को अनिवार्य किया गया है. परंतु अब इसके लिए भी आधार वैरिफिकेशन को अनिवार्य से हटाकर स्वैच्छिक कर दिया गया है. बता दें कि संदेस एक इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप है जो सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए तैयार किया गया है. अब सरकारी कर्मचारियों को संदेस के जरिए ही हाजिरी लगानी होती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 18 मार्च को आधार की अनिवार्यता खत्म करने से जुड़ी अधिसूचना जारी की है. परंतु यहां भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. आदेश में कहा गया है कि जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी. इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने होंगे.

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