First Bullet Train : देश में बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खबर, मोदी सरकार के रेल मंत्री ने दी ये खुशखबरी

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देश में बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खबर

THE CHOPAL - भारत के यूपी के लिए रेलयात्रियों के लिए बहुत अच्छी खबर है। आप को बता दे की होली पर रेलयात्रियों की खास सुविधा के लिए रेलवे ने गोरखपुर-अमृतसर के बीच अब स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है।  रेलवे के अनुसार 05005 गोरखपुर-अमृतसर स्पेशल रेलगाड़ी 3 मार्च और 17 मार्च को गोरखपुर से दोपहर 02:40 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह करीब 09.30 बजे अमृतसर पहुंचेगी। बता करे वापसी दिशा की तो 05006 अमृतसर- गोरखपुर स्पेशल 4 मार्च, 11 मार्च और 18 मार्च को अमृतसर से दोपहर 12:45 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह करीब 08.50 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। आप की जानकारी के लिए बताते चले की एसी, स्लिपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों वाली यह स्पेशल रेलगाड़ी रास्ते में खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा जंक्शन, बुढ़वल, सीतापुर जंक्शन, सीतापुर सिटी, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर जंक्शन, यमुनानगर जगाधरी, अम्बाला कैंट, लुधियाना जंक्शन, जालंधर सिटी तथा ब्यास स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में भी रुकेगी।

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सीएसएमटी पुनर्विकास परियोजना -

इस बीच भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को बताया कि मुंबई में 18,000 करोड़ की सीएसएमटी पुनर्विकास परियोजना का ठेका मार्च के मध्य तक कर दिया जाएगा। मुंबई में हर विभाग ने इस परियोजना को अपनी मंजूरी भी दे दी है। उन्होंने कहा कि कम जगह की समस्या का सामना कर रहे शहर में बहुत जगह हो जाएगी और लोगों का आना-जाना सरल हो जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पुनर्विकास परियोजना कुछ सालों से कागजों पर ही थी। अडाणी समूह समेत नौ इकाइयां इस परियोजना को लेना चाहती हैं। वैष्णव ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी हमला करते हुए कहा कि सत्ता में रहने के दौरान उनकी विकास में कोई रुचि नहीं थी।

कहां तक पहुंचा बुलेट ट्रेन का काम -

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई के बीच हाईस्पीड रेल जैसी परियोजनाओं में एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद तेजी से प्रगति हुई। मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन के लिए 152 किलोमीटर तक खंभे तैयार हो चुके हैं। वंदे भारत ट्रेन का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इंजीनियर वंदे भारत की 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ते हुए 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन को अपने ही देश में विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि वंदे भारत ट्रेन प्रणाली का निर्यात भी किया जा सकता है। अगले तीन साल में भारत रेलवे प्रौद्योगिकी का निर्यात करने लगेगा।

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