क्या इन्वर्टर AC में स्टेबलाइजर की जरूरत होती है? अधिकतर लोग नहीं जानते
एक इन्वर्टर AC घर या ऑफिस में लगाने के लिए काफी अच्छा होता है. क्योंकि, ना सिर्फ ये बिजली और पैसे बचाता है. बल्कि इसके कई ऐसे बेनिफिट होते हैं जो काफी लोगों को पसंद आते हैं. लेकिन, इसमें इन्वर्टर लिखने होने की वजह से काफी लोगों के मन में ये सवाल आता होगा कि इस एसी में स्टेबलाइजर की जरूरत पड़ती है या नहीं. आइए जानते हैं इसका जवाब.

The Chopal: अगर इसका सीधा जवाब दिया जाए कि क्या इन्वर्टर एसी को स्टेबलाइजर की जरूरत होती है? तो ये जवाब 'हां' है. अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां वोल्टेज में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है तो आपको बिल्कुल इन्वर्टर एसी के साथ स्टेबलाइजर को इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि, यही वोल्टेज को स्टेबलाइज करते हैं.
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यहां बताना ये भी जरूरी है कि अगर आपके इन्वर्टर एसी में 'स्टेबलाइजर फ्री ऑपरेशन' लिखा हो या 'इन-बिल्ट स्टेबलाइजर' लिखा हो. तब भी आपको वोल्टेज स्टेबलाइजर लगाने की जरूरत होती है, अगर आपके एरिया में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है. क्योंकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये इन-बिल्ट फीचर्स भी 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकते. जहां तक इन्वर्टर एसी की बात है तो इसका पावर बैकअप या स्टेबलाइजर से कोई लेना देना नहीं होता है. इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर वेरिएबल स्पीड पर चलता है. ट्रेडिशनल एसी में सिंगल-स्पीड कंप्रेसर होता है. जो जरूरत के हिसाब से टेम्परेचर को मेनटेन करने के लिए बंद या चालू होता है.
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लेकिन, इन्वर्टर एसी सिंगल-स्पीड कंप्रेसर का इस्तेमाल करता है. ये जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा हो जाते हैं. इनमें कंप्रेसर की स्पीड को रेगुलेट करने के लिए इन्वर्टर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. जहां तक इन्वर्टर एसी के साथ स्टेबलाइजर इस्तेमाल करने की बात है तो वोल्टेज में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव से बचने के लिए ऐसा जरूर करना चाहिए. खासतौर पर अगर एरिया में पावर सप्लाई की ज्यादा समस्या है.
ज्यादातर AC छोटे पावर फ्लकचुएशन को आराम से झेल जाते हैं. जबकि, इन्वर्टर एसी और भी अच्छे होते हैं क्योंकि वोल्टेज के वाइड-रेंज पर काम कर पाते हैं. लेकिन, फिर भी एक्सट्रीम फ्लकचुएशन में एसी डैमेज हो सकता है. एक इन्वर्टर एसी के ऑपरेशन का वोल्टेज रेंज 150-250 volts है. यानी इस रेंज में इन्वर्टर एसी वोल्टेज के उतार-चढ़ाव को झेल जाता है. लेकिन, कम या ज्यादा की स्थिति में एसी डैमेज हो सकता है. इसलिए स्टेबलाइजर की जरूरत होती है.
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