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अब नही होगा बिजली का संकट, सरकार ने की कोयले के आयात में बढ़ोतरी

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The Chopal, New Delhi: देश में आगामी दिनों में त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। और उस समय देश वासियों को बिजली की किल्लत का सामना ना करना पड़े इसलिए केंद्र सरकार ने कोयला संकट से निपटने के लिए देश में कोयला आयात को बढ़ा दिया है. बिजली सचिव आलोक कुमार ने यह जानकारी मीडिया के साथ साँझा की है। बीते साल इन दिनों तापीय बिजलीघरों में कोयले की कमी के चलते बिजली संकट का सामना करना पड़ा था. तो इस स्थिति के बाद केंद्र सरकार ने बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कोयला आपूर्ति बढ़ाने और संकट से निपटने को लेकर कई ठोस कदम उठाये थे. सम्मेलन इनसाइट 2022 के दौरान अलग से बातचीत में कुमार ने मीडिया से कहा, कोयले की कमी के कारण इस बार त्योहारों के दौरान देश में बिजली संकट पैदा नहीं होगा. हम चालू वित्त वर्ष में अब तक पहले ही दो करोड़ टन कोयला आयात भी कर चुके हैं. इसमें से 1.5 करोड़ टन का पहले ही उपयोग भी किया जा चुका है.

देश में और बढ़ाया जा सकता है कोयले का आयात

मीडिया द्वारा यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या और कोयला आयात किया जाएगा, सचिव ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसका आयात और किया जाएगा. सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बारे में कुमार ने बताया कि सरकार जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से विनिर्माण और उसे अपनाने की योजना (फेम) को नया रूप भी देगी. इसमें ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर जैसी बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने वालों के लिये भुगतान करने को लेकर सब्सिडी देने का प्रावधान भी होगा. सचिव ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वितरण कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिये ट्रांसफॉर्मर जैसा बुनियादी ढांचा लगाती हैं। इसका उद्देश्य ईवी चार्जिंग स्टेशन को बिजली आपूर्ति करना है जिसकी लागत 5-6 लाख रुपये तक बैठती है. उन्होंने कहा, हम ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा लगाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देंगे ताकि वे ट्रांसफॉर्मर जैसी ढांचागत सुविधाएं लगाने वाली वितरण कंपनियों को भुगतान भी कर सकें. फिलहाल ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर आदि के लिये भुगतान भी करना पड़ता है.

देश में बिजली की मांग बढ़ी

इस साल गर्मी अधिक होने की वजह से कोयले की मांग में तेज उछाल देखने को भी मिला है. वहीं इसी साल देश में कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन भी हुआ है. हालांकि बिजली की मांग बढ़ने और मॉनसून की वजह से घरेलू कोयले की सप्लाई पर असर पड़ने से सरकार ने कोयले के आयात को बढ़ा दिया है जिससे मांग के मुकाबले सप्लाई सुनिश्चित भी की जा सके

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