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Uttarakhand News : अब से सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नही, सेटेलाइट रहेगी नज़र

Uttarakhand: आपको बता दें कि अब सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि  सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए धामी सरकार ने कमर कस ली है। सभी विभाग अपनी संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे और इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी...
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Those encroaching on government land will not be in trouble, satellite will keep an eye on them

The Chopal News : सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए धामी सरकार ने कमर कस ली है। सभी विभाग अपनी संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे और इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी। सरकारी भूमि पर सेटेलाइट से नजर रखी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में हुई बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि समय-समय पर सरकारी भूमि की सेटेलाइट से तस्वीरें ली जाएंगी। यदि कहीं अतिक्रमण पाया गया तो इसे हटाने के साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी भूमि पर जितने भी अतिक्रमण हैं, उन्हें शीघ्र हटाया जाए। चेताया कि अतिक्रमण न रोकने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में वन विभाग की ओर से बताया गया कि अब तक राज्य में 455 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमणमुक्त किया जा चुका है।

भूमि पर कब्जा करने वालों का मांगा ब्योरा

राज्य में कई जगह जनसांख्यिकीय बदलाव की सूचनाओं ने भी सरकार के कान खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों को यह ब्योरा शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा कि अतिक्रमण वाली भूमि पर राज्य से बाहर के और राज्य के कितने लोग कब्जा किए हुूए हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग व अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास जो भी बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं, उन सभी का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए। बाहरी व्यक्तियों व किरायेदारों का नियमित सत्यापन किया जाए।

शासनादेश पर तेजी से कार्य करें जिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि से विशुद्ध रूप से अतिक्रमण हटना है। इसके लिए शासनादेश जारी किया जाए। कहा कि जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जिलों को तेजी से कार्य करना है। अतिक्रमण हटाने में सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने को भी उन्होंने निर्देशित किया। गढ़वाल व कुमाऊं मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अतिक्रमण हटाने संबंधी गतिविधि पर निगरानी रखें और डीएम के साथ नियमित बैठकें करें। साथ ही कार्य के प्रति लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें।

ग्रामसमाज की भूमि पर न हो अतिक्रमण

जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम समाज की भूमि पर भी अतिक्रमण न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। यदि कहीं ऐसा हो रहा है तो कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि किसी व्यक्ति के जाली प्रमाणपत्र बनने की कोई शिकायत आती है तो ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने डीएम को यह भी निर्देश दिए कि विभागों द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने की जो रिपोर्ट दी जा रही है, उसका क्रास वेरिफिकेशन भी कराएं। यदि कोई गलत सूचना देता है तो सख्त कार्रवाई करें।

निरंतर निगरानी रखें कमेटियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि का अपना यूनीक नंबर होगा। सभी विभाग अपनी भूमि संपंत्ति का रजिस्टर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की तकनीकी सहायता को राजस्व परिषद में अलग प्रकोष्ठ बनाया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के स्तर पर कमेटी गठित की गई है। दोनों कमेटियां अतिक्रमण हटाने को की गई कार्रवाई की नियमित निगरानी रखेंगी।

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तब तक जारी रहेगी, जब संपूर्ण सरकारी भूमि इससे मुक्त नहीं हो जाती। यह किसी भी कीमत पर नहीं चलेगा कि कोई धर्म अथवा किसी अन्य आड़ में सरकारी भूमि पर कब्जा करे। जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स अपना काम कर रही है। कई जगह जनसांख्यिकीय बदलाव हुआ है। वहां की रिपोर्ट लेकर सत्यापन अभियान पुलिस चलाएगी। जहां लोग बाहर से आकर बसे हैं, वहां नजर रखी जाएगी। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि बाहर से आकर जमीन व छोटे प्लाट खरीदने वालों का पहले सत्यापन कराया जाए और फिर इसकी अनुमति दी जाए।

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