दिल्ली में फिर सताने लगी गर्मी, चलिए जानते हैं अगले दो दिन कैसा रहेगा मौसम
The Chopal, Delhi Weather Report : सोमवार को भारत की राजधानी दिल्ली में दिनभर तेज धूप रही, जहां पिछले वर्ष एक हीट इंडेक्स बनाया गया था। इस वर्ष मौसम विभाग ने हर दिन जारी होने वाले बुलेटिन में हीट इंडेक्स को शामिल किया है। इस बार दिल्ली की बिजली की मांग इस तेज गर्मी में आठ हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है।
दिल्ली का दिन का तापमान इस समय तेजी से बढ़ रहा है। सफदरजंग मानक वेधशाला में दिन का अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस था। उस स्थान पर सबसे कम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, दिल्ली के कुछ मौसम केंद्रों, पूसा, पीतमपुरा, नरेला, नजफगढ़ और रिज में तापमान 38 डिग्री से अधिक हो गया।
मंगलवार को मौसम विभाग का अनुमान है कि अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। हवा की गति 12–20 किमी/घंटा हो सकती है। सोमवार को मौसम के विभिन्न कारकों से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 190 अंकों के साथ मध्यम श्रेणी में रहा।
दिल्ली में तापमान इंडेक्स का शुभारंभ
दिल्ली ने हीट इंडेक्स शुरू किया है। यह इंडेक्स मौसम के तीन कारकों (तापमान, हवा की गति और नमी) का अध्ययन करके बनाया जाता है। इसके आधार पर मौसम विभाग चार रंगों में सहनीय और असहनीय मौसम का अलर्ट जारी करेगा। इससे सटीक गर्मी का अनुमान लगाना संभव होगा। दिल्ली में पिछले वर्ष हीट इंडेक्स बनाया गया था। हीट इंडेक्स इस वर्ष मौसम विभाग की ओर से हर दिन जारी होने वाले बुलेटिन में शामिल किया गया है।
हीट इंडेक्स हमें किसी खास समय में हमें कितनी गर्मी महसूस होगी बताता है। इसका एकमात्र हिस्सा अधिकतम तापमान है। यह भी हवा की गति और वायुमंडल में नमी का स्तर से बहुत प्रभावित होता है। तापमान अधिक होने पर लोग छाया या घर में राहत पाते हैं। लोगों को अधिक परेशानी महसूस होती है जब हवा की गति कम होती है और उमस अधिक होती है। लोग तैयार हो सकते हैं अगर वे जानते हैं कि मौसम असहनीय हो जाएगा।
- प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "जून के दूसरे पखवाड़े से अगस्त तक नमी बढ़ जाएगी।" उस समय तापमान भी अधिक है। ऐसे में गर्मी और उमस का सामना करने के लिए तैयार होने में हीट इंडेक्स की जानकारी मदद करेगी।:''
आठ हजार मेगावाट की आवश्यकता पूरी हो सकती है
गर्मियों में दिल्ली की बिजली की मांग इस बार आठ हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है। बिजली आपूर्ति कंपनियों ने अपने-अपने तरीके से बिजली की मांग को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है, क्योंकि बिजली की मांग बढ़ने की उम्मीद है। बीते साल गर्मियों में 7438 मेगावाट की आवश्यकता थी।